पंचकूला, 17 फरवरी: उपायुक्त मोनिका गुप्ता के मार्गदर्शन में हिपा सेक्टर-25 में जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा पोक्सो एक्ट (2012), जे.जे. एक्ट (2012) के संशोधन अधिनियम 2021 और गोद लेने के नियम 2022 पर एक दिवसीय जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी पंचकूला से श्री मनबीर राठी ने बतौर रिसोर्स पर्सन भाग लिया।
कार्यक्रम में जिले के विभिन्न ब्लॉकों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य विभाग की एएनएम और पैरा लीगल वॉलंटियर्स ने भाग लिया।
बच्चों के अधिकारों पर विस्तृत चर्चा
श्री मनबीर राठी ने किशोर न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट 2012) के संशोधन अधिनियम 2021 और पोक्सो एक्ट (2012) की बारीकियों से उपस्थित सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि बच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के अधिकतर मामले उनके जान-पहचान वालों या रिश्तेदारों द्वारा किए जाते हैं, लेकिन सामाजिक बदनामी के डर से ये घटनाएं परिवारों में ही दबा दी जाती हैं।
उन्होंने बताया कि यौन शोषण के मामलों की गंभीरता को देखते हुए भारत में 2012 में एक विशेष कानून लागू किया गया, जिसे लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) 2012 कहा जाता है। इसके तहत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा, शोषण या अपराध करने का प्रयास भी कानून के दायरे में आता है।
POCSO एक्ट के तहत अपराध और सजा
उन्होंने बताया कि इस कानून में कई अपराधों को शामिल किया गया है, जिनमें शामिल हैं:
- बलात्कार
- बच्चों का यौन शोषण या उनके साथ अश्लील हरकतें
- बच्चों को अश्लील चित्र या वीडियो दिखाना
- बच्चों के साथ गलत इरादे से छेड़छाड़ करना
- साइबर अपराधों में फंसाने की कोशिश करना
इस कानून के तहत दोषियों को उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। पीड़ित बच्चों को मुआवजा और आर्थिक सहायता भी दी जाती है।
गोद लेने की प्रक्रिया पर जानकारी
जिला बाल संरक्षण अधिकारी निधि मालिक ने गोद लेने के नियम 2022 और उनकी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्चा गोद लेने के इच्छुक माता-पिता को CARA (सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी) की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होता है। गोद लेने से पहले सभी आवश्यक दस्तावेजों की जांच की जाती है और पूरी सहमति के बाद ही दत्तक ग्रहण प्रक्रिया पूरी की जाती है।
कार्यक्रम के दौरान POCSO एक्ट, स्पॉन्सरशिप, फोस्टर केयर और एडॉप्शन से संबंधित IEC सामग्री भी वितरित की गई।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रतिभागी शामिल
इस अवसर पर पंचकूला के सभी ब्लॉकों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य विभाग की एएनएम, डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के पैरा लीगल वॉलंटियर्स, जिला बाल संरक्षण अधिकारी और अन्य संबंधित विभागों के कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और बाल संरक्षण कानूनों की जानकारी देना था, जिससे कोई भी बच्चा किसी भी प्रकार के शोषण का शिकार न हो।