स्मार्टफोन के नेतृत्व में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में तेजी भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स सामान निर्यात में हाल के वर्षों में सरकार की उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की बदौलत तेजी आई है। इस पहल से चीन के बाहर वैकल्पिक सप्लाई चेन स्थापित करने के इच्छुक विदेशी टेक दिग्गजों को आकर्षित करने में सफलता मिली है।
नई दिल्ली: जनवरी 2025 में भारत का स्मार्टफोन निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 140 प्रतिशत बढ़ा है। इंडस्ट्री एस्टिमेट के मुताबिक, निर्यात से 25,000 करोड़ रुपए (3 बिलियन डॉलर) की रिकॉर्ड कमाई हुई है। इसकी प्रमुख वजह एप्पल और सैमसंग जैसी टॉप टेक्नोलॉजी कंपनियों द्वारा अपनी सप्लाई चेन से विदेशों में शिपमेंट बढ़ाना रही।
स्मार्टफोन का कुल निर्यात 1.55 लाख करोड़ रुपए चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जनवरी की 10 महीने की अवधि में स्मार्टफोन का कुल निर्यात 1.55 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 99,120 करोड़ रुपये से 56 प्रतिशत अधिक है।
एप्पल की सप्लाई चेन का बड़ा योगदान तमिलनाडु स्थित फॉक्सकॉन के एप्पल आईफोन सप्लाई चेन ने निर्यात में करीब 70 प्रतिशत का योगदान दिया, जिससे विदेशी शिपमेंट में 50 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ। फॉक्सकॉन फैक्ट्री से निर्यात में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
करीब 22 प्रतिशत निर्यात टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स से आया, जिसने कर्नाटक में विस्ट्रॉन स्मार्टफोन निर्माण फैक्ट्री का अधिग्रहण किया है। तमिलनाडु स्थित पेगाट्रॉन फैसिलिटी से 12 प्रतिशत निर्यात हुआ, जिसमें टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने जनवरी के अंत में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की।
टाटा समूह बना प्रमुख आईफोन उत्पादक टाटा समूह, दो ताइवानी कंपनियों के अधिग्रहण के बाद, भारत में आईफोन का प्रमुख उत्पादक बनकर उभरा है। दक्षिण कोरियाई टेक दिग्गज सैमसंग ने भी भारत से कुल स्मार्टफोन निर्यात में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान दिया।
पीएलआई योजना से निर्यात में उछाल सरकार की पीएलआई योजना के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। संसद में पेश आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 तक पीएलआई स्कीम ने 10,213 करोड़ रुपये के संचयी निवेश को आकर्षित किया, जिससे 1.37 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए।
मोबाइल उत्पादन और निर्यात में भारत की उपलब्धि विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत 6,62,247 करोड़ रुपये का संचयी उत्पादन हासिल किया गया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने संसद में बताया कि भारत 2014-15 में मोबाइल आयात करने वाले देश से अब मोबाइल फोन निर्यातक बन गया है।
पीएलआई योजना के तहत मोबाइल फोन का उत्पादन 2014-15 में 60 मिलियन से बढ़कर 2023-24 में 330 मिलियन हो गया है, जबकि मूल्य के लिहाज से यह 19,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,22,000 करोड़ रुपये हो गया है।
मोबाइल फोन निर्यात में जबरदस्त उछाल बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए पीएलआई योजना की शुरुआत के बाद, मोबाइल फोन निर्यात 2020-21 में 22,868 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 1,29,074 करोड़ रुपये हो गया है, जो 78 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ रहा है।
भारत में निर्मित मोबाइल फोन की बढ़ती संख्या जहां 2015 में भारत में बिकने वाले मोबाइल फोन का 74 प्रतिशत आयात किया जाता था, अब 99.2 प्रतिशत मोबाइल हैंडसेट देश में ही निर्मित किए जा रहे हैं। यह सरकार की प्रभावी नीतियों और उद्योग के सहयोग से संभव हुआ है।