जीतेंद्र अवस्थी : परम आदरणीय श्याम खोसला की इस नश्वर संसार से विदाई वास्तव में ही अपूरणीय क्षति है। मस्तिष्कघात के बाद करीब एक दशक से बिस्तर तक ही सीमित श्याम खोसला जी की दमदार मौजूदगी उनके करीबी लोगों को अपने आसपास लगातार महसूस होती थी। वह मूलतः पत्रकार थे और पत्रकारों के हित में उतने ही समर्पित जुझारू पत्रकार नेता भी। उनकी तरह की सजगता व कर्मठता देखने में कम ही आती है।
एन यू जे (आई) और पंजाब, हरियाणा, हिमाचल चंडीगढ़ अन्य प्रदेशों में पत्रकारों को लामबंद करके इस संगठन की इकाइयां गठित करने और उन्हें मजबूत बनाने में श्याम खोसला जी की भूमिका भुलाई नहीं जा सकती है। फिर इंडियन मीडिया सेंटर, पंचनद शोध संस्थान जैसे संगठनों के गठन में उनका महती योगदान रहा। इन संगठनों को विजन देकर उसे मूर्त रूप में डालने और सक्रिय रखने में इस श्रम साध्य प्रेरक व्यक्तित्व का कोई मुकाबला नहीं।
उन्होंने पत्रकारिता में तो नई उपलब्धियां हासिल की ही, पत्रकार हितेषी व सदैव कर्मशील रहकर कई मील पत्थर भी पार किए। पत्रकार नेता के रूप में उन्होंने अपनी ही छाप छोड़ी। इस रूप में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी जुझारू पत्रकार नेताओं के कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। यह भी सोलह आने सच है कि भारत के इस भूभाग में इतना सजग और कर्मशील पत्रकार नेता मिलना असंभव है। इसकी कीमत उन्हें इमरजेंसी के दौरान व्यवस्था के अत्याचारों के रूप में चुकाने को मिली लेकिन उन्होंने जो रास्ता तय कर रखा था उस पर उनके कदम इसके बाद और भी मजबूती और तेजी से बढ़ने लगे।
शारीरिक क्षमता में भारी कमी ने उन्हें काफी सीमा तक निष्क्रिय कर दिया था लेकिन उनके करीबी पत्रकार नेता उनसे मिलकर हमेशा मार्गदर्शन और प्रेरणा हासिल करते रहे। उनके जैसा अत्यंत सजग, श्रम शील, कर्मशील व जुझारू पत्रकार नेता मिलना वाकई नामुमकिन है। श्याम खोसला वास्तव में ही अद्वितीय व्यक्तित्व थे। सजगता श्रम साध्यता और जुझारू प्रकृति के कारण श्याम खोसला कालांतर में एक विचार या अवधारणा ही बन गए थे। इसी रूप में वह पत्रकार जगत के लिए प्रेरक प्रोत्साहन और उन्नयन कर्ता बन गए थे। ऐसी अवधारणाओं का कभी अवसान नहीं होता यह अगली पीढ़ियों पर निर्भर करेगा कि हम उन्हें कब तक अपने आसपास महसूस करते रहें और पत्रकारिता आप पत्रकार हित के संघर्ष के मार्ग में अग्रणी मार्गदर्शक के रूप में पाते रहें।
सादर विनम्र श्रद्धांजलि। ओम शांति।
—-जीतेंद्र अवस्थी, वरिष्ठ पत्रकार