गुरू जम्भेश्वर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के शिक्षकों की आज आम सभा की बैठक हुई। बैठक में सभी शिक्षकों ने कार्यवाहक कुलपति एवम कुलसचिव के अत्यंत नकारात्मक रवैए पर चिंता व्यक्त की। पहले तो सिर्फ कुलपति से तंग थे, अब कुलसचिव से भी तंग हो रहे हैं। एक तरफ कार्यवाहक कुलपति ने अपने 1 साल के कार्यकाल में दिए हुए आश्वासनों पर न के बराबर काम किया है, दूसरी तरफ कुलसचिव आम कार्यों के प्रति बेहद लापरवाह हो गए हैं, और छोटे छोटे कार्यों की फाइलों के निपटान में हफ्तों से महीनों तक लग रहे हैं। इसके कारण लगभग सभी विभागों के चेयरपर्सन की शिकायत थी की उनके लिए अपने अपने विभाग चलाना बेहद मुश्किल हो गया है।
कुलपति की जिम्मेदारी होती है कि वह विश्वविद्यालय के सभी कार्यों के लिए सरकार से आवश्यक पूंजी लेकर आएं, आवश्यकता अनुसार रेगुलर एवं अनुबंधित शिक्षकों की नियुक्ति करें, तथा शोध के कार्यों में किसी भी प्रकार की बाधा न आने दें। परंतु इन सभी चीजों में विश्वविद्यालय का हाल बेहाल है। विश्वविद्यालय में इस समय फंड्स की बहुत कमी है, अनुबंधित शिक्षक भी आवश्यकता अनुसार नहीं लगाए जा रहे और शोध कार्य भी उच्च पदाधिकारियों के निकम्मेपन के कारण लचर अवस्था में हैं। अगले महीने नेक की टीम विश्वविद्यालय का आंकलन करते वक्त इन सब पर गौर करेगी। विश्वविद्यालय के पास नियमित कुलपति न होना भी दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि कार्यवाहक कुलपति दो विश्वविद्यालयों का कार्यभार होने के कारण गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय को नियमित कुलपति की तरह समय नहीं दे पाते।
कुलसचिव के विषय में सब ने कहा कि सरकार द्वारा दी गई विश्वविद्यालय के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेने की जगह वे अपने सरकारी आवास एवं अपने दफ्तर में साज सज्जा और खुद की साज-सज्जा करके केवल विश्वविद्यालय एवं निजी संस्थानों के छोटे से छोटे प्रोग्राम में मुख्य अतिथि बनकर फोटो खिंचवाने में अधिक रुचि रखते हैं। कुलसचिव के निवास पर एवं दफ्तर में प्रत्येक महीने लाखों रुपए के कुर्सी मेज एवं तरह-तरह के महंगे महंगे सजावटी सामान खरीदे जाते हैं। उनकी फाइलें मक्खन की तरह निपटाई जाती है, पर विभागों से संबंधित अति आवश्यक फाइलें भी कुलसचिव महोदय के दफ्तर में फुटबॉल बन कर रह जाती हैं और महीनों तक अलग-अलग ब्रांच के धक्के खाकर बेतुकी आपत्ति लग कर वापस आ जाती है। इस प्रक्रिया में निर्धारित कार्य के करने की तिथि निकल चुकी होती है। वह फाइलों को अमूमन इधर-उधर किसी ब्रांच में भिजवा देते हैं और फिर कहते हैं कि अपनी फाइल ढूंढ कर लाओ। अनेकों बार वे फाइल को असंबंधित ब्रांच में भी भिजवा देते हैं जिससे कि समय भी नष्ट होता है और लोग भी परेशान होते हैं। आम सभा में सभी शिक्षकों ने एकमत होकर यह कहा कि कुलसचिव महोदय के कार्यप्रणाली से यह प्रतीत होता है कि या तो उनको अपनी कार्यक्षमता और कार्यप्रणाली का ज्ञान नहीं है, या फिर उनकी मंशा विश्वविद्यालय में अपनी मन मानी अनुसार काम करने और लोगों को परेशान करने की है।
कुछ शिक्षक जिन्हें अनुसंधान प्रोजेक्ट मिले हुए हैं, वे फाइलें निपटाते निपटाते तंग आ चुके हैं और ऐसा लगता है की वे शिक्षक नहीं, फाइलें निपटाने वाले क्लर्क बन गए हैं। उन्होंने आम सभा में अपनी व्यथा बताते हुए अन्य सभी को हिदायत दी की भूल कर भी कोई अनुसंधान प्रोजेक्ट न लें नहीं तो फाइलें निपटाते निपटाते परेशान हो जाएंगे।
गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के 25 वर्षों से भी कम समय में 3 बार नैक से A ग्रेड हासिल किया, जो कि उल्लेखनीय है। सरकार को भी इस बात का संज्ञान लेना चाहिए कि उनके द्वारा नियुक्त उच्च पदाधिकारी की कार्यशैली विश्वविद्यालय कि वर्षों की प्रतिष्ठा को ध्वस्त कर देगी, क्योंकि अगली नैक विजिट में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं, पर उसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
सभी शिक्षकों ने कहा कि उच्च पदाधिकारी अगर अपनी कार्यप्रणाली जिम्मेदारी पूर्ण नहीं करते और विश्वविद्यालय के प्रति अपना समर्पण भाव नहीं दिखाते तो वे हर संभव तरीके से उनका विरोध करने को तैयार हैं और किसी भी सूरत में अपने विश्वविद्यालय की मेहनत से अर्जित प्रतिष्ठा धूमिल नहीं होने देंगे। हरियाणा सरकार से एवं कुलपति से अनुरोध किया जाता है कि विश्वविद्यालय की कार्यशैली को दुरुस्त करें अन्यथा शुक्रवार को इसके खिलाफ 2 घंटे का सांकेतिक धरना दिया जाएगा।
सभी शिक्षकों ने यह भी मांग की कि शिक्षक संघ के प्रधान कुलसचिव से मिलकर इस पर गंभीरता से बात करें और उनसे मांग करें कि वे गंभीरता से कुलसचिव का कार्य करें ताकि सभी कार्य करने में कम से कम विलंब हो, और शिक्षक, गैर शिक्षक एवं विद्यार्थीयों को उनके कार्यालय के धक्के नहीं खाने पड़ें। अन्यथा सरकार से मांग करें कि उन को बर्खास्त करके उनकी जगह किसी और को कुलसचिव लगाया जाए। क्योंकि इस परिस्थिति में विश्वविद्यालय का सुचारु रुप से चल पाना नामुमकिन है।