आज गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ एवं गैर शिक्षक संघ द्वारा पुरानी पेंशन की मांग को लेकर एक वार्ता आयोजित की गई। इसमें पेंशन बहाली संघर्ष समिति, हिसार के पदाधिकारियों ने नई पेंशन प्रणाली की गंभीर विसंगतियों का उल्लेख करते हुए सब को चेताया कि नई पेंशन प्रणाली केवल एक छलावा है और पुरानी पेंशन प्रणाली के अलावा और कोई विकल्प नहीं हो सकता जिससे कि सरकारी कर्मचारियों का बुढ़ापा सुरक्षित हो सके।
कार्यशाला में इस बात का उल्लेख किया गया कि किस तरह नई पेंशन प्रणाली में कर्मचारियों का ही पैसा उनकी मर्जी के बिना निजी संस्थानों के सुपुर्द कर दिया गया है।
– यह पैसा केवल खाते में दिखता है पर कर्मचारी अपनी जरूरत अनुसार इसका प्रयोग नहीं कर सकता, क्योंकि केंद्र सरकार ने धोखे से एक ऐसी नीति बनाई है कि कर्मचारी किसी भी तरह से अपना पैसा वापस नहीं पा सकता।
– समय के साथ हर महीने यह अंशदान बढ़ता जा रहा है जोकि कर्मचारी के हित में नहीं है।
– जितने भी लोग नए पेंशन स्कीम में रिटायर हो रहे हैं उनकी पेंशन पुरानी पेंशन प्रणाली के मुकाबले बहुत ही कम बन रही है।
– दावों के मुक़ाबले एनपीएस निधि में वास्तविक बढ़ोतरी भी बेहद कम है, और शेयर बाजार से जुड़े होने के कारण जोखिम से भी भरा है।
– कर्मचारी को सेवानिवृत्त होने पर ना तो महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा और ना ही अपने कार्यकाल के विभाग द्वारा किसी तरह का कोई सहयोग मिलेगा।
– पेंशन को लेकर किसी भी तरह का विवाद होने पर सेवानिवृत्त कर्मचारी को ताकतवर निजी कंपनियों के साथ जूझना होगा।
इन्हीं सब के मद्देनजर प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को यह समझना अति आवश्यक है कि सरकार पर पुरानी पेंशन प्रणाली बहाल करने का दबाव बनाना ही होगा। खुद कई कई पेंशन लेने वाले स्वार्थी नेताओं द्वारा कर्मचारियों का OPS छीन कर उन पर NPS थोपना कर्मचारियों के प्रति क्रूरता है। ऐसे बहुत से उदाहरण हैं जहां सेवानिवृत्त कर्मचारी को डेढ़ हजार से ढाई हजार तक की पेंशन मिल रही है, पर वे विवश हैं और उनकी कहीं सुनवाई नहीं है। वृद्धावस्था में भी उनको अपनी जीविका के लिए रोजगार ढूंढने पर विवश होना पड़ रहा है। जो अभी नई पेंशन प्रणाली में सेवानिवृत्त हो रहे हैं वह तो कम पेंशन लेने के लिए विवश हैं परंतु यदि आज सभी कर्मचारी मिलकर सरकार पर दबाव डालें और पुरानी पेंशन बहाली कराएं तो उनका बुढ़ापा लाचारी से बच सकता है।
PBSS के जिला समन्वयक श्री ललित जी ने बताया कि यह बहुत ही आवश्यक है की जो लोग अब तक इस मुहिम से नहीं जुड़े वे भी जल्द से जल्द इस मुहिम का हिस्सा बने। तीन चार राज्यों में पुरानी पेंशन प्रणाली बहाल की जा चुकी है और हरियाणा में भी सरकार को विवश होकर इसे लागू करना पड़ेगा। इसके लिए इतवार को आदमपुर में पुरानी पेंशन प्रणाली की मांग को लेकर एक मार्च पास्ट किया जाएगा, जिसमें भाग लेने वाले सभी कर्मचारी काले रंग के कपड़े पहन कर आएंगे।
कांग्रेस के विधायक उम्मीदवार श्री सुधीर चौधरी जी भी इस वार्ता में उपस्थित थे और उन्होंने भी मानते हुए की पुरानी पेंशन प्रणाली को सरकारी कर्मचारियों को ना देना उनके प्रति अन्याय है, कहा कि वे भी कर्मचारियों की इस मांग का भरपूर समर्थन करते हैं एवं इस पर उनके द्वारा हर संभव कार्य करेंगे। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय जैसे एक ए प्लस ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय में 1 साल के अधिक समय बीतने के बावजूद भी नियमित कुलपति की नियुक्ति नहीं की गई। इससे हरियाणा सरकार का प्राथमिक शिक्षा के अलावा उच्च शिक्षा के प्रति भी अत्यंत गैर जिम्मेदाराना व्यवहार झलकता है।
वहां उपस्थित कर्मचारियों में से गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के डॉ नरेंद्र चौहान, पीबीएसएस हरियाणा के उप प्रधान डॉक्टर सुखबीर दुहन, पीजीटी पॉलीटिकल साइंस गैबीपुर श्री भगवान जी, अखिल भारतीय कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय चेयरमैन श्री अनिल सहगल जी एवं गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ के प्रधान श्री वीरेंद्र जी एवं पूर्व प्रधान श्री देशराज जी, इन सब ने पुरानी पेंशन प्रणाली की मांग करते हुए पीबीएसएस हरियाणा को भरपूर समर्थन देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 2004 मैं भाजपा सरकार द्वारा यह दमनकारी नई पेंशन प्रणाली लागू करने के बाद से लेकर अब तक कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही सत्ताधारी पार्टियों ने कभी भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। और अब यह एनएमओपीएस एवं पीबीएसएस जैसे संगठनों के दबाव का ही प्रभाव है कि गैर भाजपा सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली को गंभीरता से लेना शुरू किया है, और चार राज्यों में इसे बहाल करने का आदेश भी पारित किया जा चुका है। 23 तारीख को सभी कर्मचारी काले वस्त्र पहन कर काली दिवाली मना कर हठधर्मिता पर अड़ी वादा खिलाफी सरकार का विरोध करेंगे और पुरानी पेंशन बहाली की मांग करेंगे।
सभा में उपस्थित सभी कर्मचारियों ने संकल्प लिया कि स्वार्थी नेताओं को होश में लाएंगे और पुरानी पेंशन प्रणाली का अपना हक लेकर रहेंगे।
आखिर में गुजवि के शिक्षक संघ के सचिव डॉक्टर राजेश ठाकुर ने सभी वक्ताओं का कर्मचारियों को नई पेंशन प्रणाली की विसंगतियों एवं पीबीएसएस द्वारा चलाई जा रही मुहिम के बारे में अवगत कराने के लिए धन्यवाद किया और भरोसा जताया कि गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारी भी मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए बढ़-चढ़कर इस मुहिम में अपनी भागीदारी करेंगे क्योंकि यही वह समय है जब वे राष्ट्रीय स्तर की मुहिम के साथ जुड़कर एक प्रभावी ढंग से सरकार को पुरानी पेंशन प्रणाली बहाल करने पर विवश कर सकते हैं, ताकि सभी कर्मचारियों का सेवानिवृत्ति के बाद भविष्य सुरक्षित हो सके।