बैंगलुरु में बुधवार से एशिया का सबसे बड़ा एयर शो एयरो इंडिया शुरू हो रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत अपनी रक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकता।भारत ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत अपनी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में तत्पर है। 3 फरवरी से शुरू होकर यह एयरो इंडिया शो 5 फरवरी तक चलेगा।
बैंगलुरु में बुधवार से एशिया का सबसे बड़ा एयर शो एयरो इंडिया शुरू हो रहा है। एयरो इंडिया में इस बार तकनीक के मामले में भारत की ताकत दिखाई जाएगी। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारत किस तरह बढ़ रहा है इसकी झलक भी मिलेगी।
इस बार सेंट्रल थीम एचएएल हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की रोटरी विंग है। एचएएल के अडवांस लाइट हेलिकॉप्टर, लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर, मिडियम कॉम्बेट हेलिकॉप्टर के मॉडल भी डिस्प्ले होंगे।
एचएएल की ‘आत्मनिर्भर फॉर्मेशन फ्लाइट’ में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के साथ फिक्स्ड विंग और रोटरी विंग एयरक्राफ्ट उड़ान भरेंगे। इसमें एचएएल के बनाए हुए एलसीए ट्रेनर, एचटीटी-40, आईजेटी, अडवांस्ड हॉक एमके -132 और सिविल डोर्नियर-228 एयरक्राफ्ट उड़ान भरेंगे। सुखोई-30 एमकेआई, एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव, लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर, लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर भी उड़ान भरेंगे और एयरशो का हिस्सा होंगे।
3 फरवरी से शुरू होकर यह एयरो इंडिया शो 5 फरवरी तक चलेगा। रक्षा मंत्रालय का यह एयरो इंडिया शो दो साल में एक बार होता है।
कोविड-19 की वजह से इस बार आम लोगों की एयरो इंडिया में एंट्री नहीं होगी लेकिन वह वर्चुअली एयरो इंडिया शो देख सकते हैं।
साल 2019 में एयरो इंडिया में कुल 403 एक्जिबिटर थे जिसमें 165 विदेशी एक्जिबिटर थे। इस बार कुल 600 एक्जिबिटर हैं और इसमें 78 विदेशी हैं। पिछली बार इंडियन एक्जिबिटर की संख्या 238 थी जो इस बार 522 है।
एयरो इंडिया में इंडियन ओशन रीजन की कॉन्क्लेव भी होगी। इस कॉन्क्लेव के लिए 28 देशों को निमंत्रण भेजा गया था जिसमें से 18 देश के प्रतिनिधि (रक्षा मंत्री या सीनियर अधिकारी) मौजूद रहेंगे और 8 देशों के प्रतिनिधि वर्चुअली इससे जुड़ेंगे। ईरान के रक्षा मंत्री बैंगलुरू में मौजूद रहकर कॉन्क्लेव में शामिल होंगे।
एयरो इंडिया के पहले दिन यानी बुधवार को एचएएल के साथ इंडियन एयरफोर्स का 48 हजार करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट भी साइन होगा। एयरफोर्स एचएएल से 83 एलसीए तेजस मार्क-1 ले रहा है, जिसकी खरीद के लिए हाल ही में सरकार से सहमति मिली है ।