टूल किट मामला, शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई की गई। अब दिलचस्प बात यह है कि बहुत से न्यूज़पेपर ने उस मुख्य न्यूज़ को प्रसारित नहीं किया क्योंकि वह बहुत से न्यूज़ पेपर व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रश्नचिन्ह लगाती थी।
कुछ न्यूज़ पेपर जो कि भारत में एक विचारधारा पर कार्य करते हैं जिसे हम बोलते हैं वामपंथी, वह सदा ही समाचार को तोड़ मरोड़ कर ही प्रस्तुत करते हैं और जो बात कोट द्वारा कहीं जाती है, उसे तो बताते हैं परंतु उसे घुमा फिरा कर प्रस्तुत किया जाता है। जिससे आम जनता को भ्रमित किया जा सके। अब दिशा रवि मामले को ही हम देख लेते हैं।
देश के जाने माने वकील वह बड़े नेता सिब्बल जी ने कोर्ट में कहा कि जांच की जानकारियां लीक हुई और पुलिस और मीडिया अब दिशा को निशाना बना रही हैं। इस पर माननीय जस्टिस जी का कहना था लीक हुई सामग्री को प्रसारित नहीं किया जाए क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकती है। परंतु जिस प्रकार से समाचार पत्रों ने हैडलाइन बनाया उससे तो यह लग रहा था वह बात जस्टिस द्वारा ही कही गई है जबकि ऐसा नहीं था। हम आपको उन समाचार पत्रों की कटिंग नहीं दिखा रहे आप सभी जानते हैं वह समाचार पत्र कौन हैं जो मात्र वामपंथ के अजंडे को देखकर समाचार प्रसारित व प्रकाशित करते हैं सच को तोड़कर और आधा सच बता कर ही प्रस्तुत किया जाता है। परंतु अब वक्त आ चुका है देशवासी जाग रहे हैं और जो भी हाई कोर्ट या अन्य कोर्ट में होता है उसकी proceeding आजकल नेट पर मिल जाती हैं वहां पर सच पढ़कर वह उन अखबारों के चरित्र को जान सकते हैं।
दिल्ली पुलिस ने माननीय न्यायालय में यह कहकर तथाकथित जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत का विरोध करते हुए यह तथ्य दिए थे किअभी तक जो सबूत मिले हैं उनसे साफ पता चलता है की तृषा रवि सीधे खालिस्तानी संगठनों के संपर्क में थी और साजिश का हिस्सा भी थी।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होनी है। स्वीडन की ग्रेटा ने दिशा का समर्थन किया उनका कहना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण प्रदर्शन सभी का मानव अधिकार है। जैसा कि आप सभी जानते हैं ग्रेटा वही लड़की है जिसने यह ग्रेट काम किया कि पूरी की पूरी टूल की थी सोशल मीडिया पर डाल देंगे जिससे यह सब षड्यंत्र सामने आया तब पता चला कि यह किस प्रकार से एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ रचा जा रहा है। भारत सरकार की आंखें खुली और भारत की कई एजेंसियां अब इस पर कार्य कर रही है कि जो किसान प्रदर्शन चल रहा है उसके पीछे कौन-कौन लोग हैं और उसका उद्देश्य क्या है।