इस समयबिहार के ‘भारतीय जनक्रांति दल’ के महासचिव अधिवक्ता राकेश दत्त मिश्राने कहा, ‘वंदे मातरम्’ ऐसा गीत है,जिसके कारण अपने देश के प्रति सम्मान की भावना उत्पन्न होती है । जिन्हें देश के प्रति आस्था नहीं है,वे ही इसका विरोध कर सकते हैं । जो राष्ट्र गीत और राष्ट्र का सन्मान नहीं करते,उनकी नागरिकता तत्काल निरस्त कर उन पर कार्यवाही करने का कानून इस देश में लागू करना चाहिए । उसी प्रकार ‘वंदे मातरम्’ का विरोध करनेवाले विधायक,सांसद अथवा उनका जो भी राजनीतिक पद हो,वह भी निरस्त करने चाहिए ।’
इस समयसनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री.अभय वर्तकने कहा कि, ‘वंदे मातरम्’ पर उस समय अंग्रेजों ने प्रतिबंध लगाया था,तब भी ‘वंदे मातरम्’ कहते हुए देश के अनेक क्रांतिकारियों ने देश के लिए बलिदान दिया,फांसी पर चढे। ‘वंदे मातरम्’ का विरोध करनेवाले अंग्रेजों की भाषा बोल रहे हैं । ‘वंदे मातरम्’ को संविधान में राष्ट्रगीत का दर्जा देकर उसका ऐसा स्थान निर्माण करना चाहिए कि,उसका विरोध करने का किसी का साहस नहीं होगा ।