दिल्ली के तीन नगर निगमों को फिर से मिलाकर दिल्ली नगर निगम का गठन होगा। वार्ड की संख्या 250 और ।
भविष्य में भी नगर निगम के चुनाव नहीं होने तक किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी या फिर सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी को प्रशासक नियुक्त किया जाएगा। निगम प्रशासक भी केंद्र ही नियुक्त करेगा ।
दिल्ली नगर निगम अधिनियम-1957 में संशोधन कर् के, विधेयक-2022 में दिल्ली सरकार के स्थान पर केंद्र सरकार कर दिया है ।
दिल्ली नगर निगम के कामकाज से दिल्ली सरकार का कोई वास्ता नहीं रहेगा ।
दिल्ली नगर निगम सीधे तौर पर केंद्र के अधीन आएगा ।
केन्द्रिय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से दिल्ली नगर निगम अधिनियम की 17 धाराओं का अधिकार वापस ले लिया और ।
दिल्ली नगर निगम आयुक्त नियुक्त करने में दिल्ली सरकार की कोई भूमिका नहीं रहेेगी ।
दिल्ली सरकार के पास दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों को तलब करने एवं कामकाज के मामले में निर्देश देने और उनके काम काज को वाधित करने का कोई अधिकार नहीं होगा ।
नगर निगम को अपनी बैठकों का एजेंडा भी दिल्ली सरकार को नहीं देना होगा ।