संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने इसे उन 10 अभूतपूर्व सरकारी प्रयासों में शामिल किया है , जिनसे प्रकृति को बेहतर किया गया है । संयुक्त राष्ट्र ने जैव विविधता सम्मेलन के दौरान एक रिपोर्ट जारी की । इसमें कहा गया कि हिमालय से बंगाल खाड़ी तक 2525 किमी तक फैली गंगा को जल वायु परिवर्तन , जन संख्या वृद्धि , प्रदूषण और उद्योगों को कारण से काफ़ी नुक़सान पहुँचा ।गंगा के आसपास 52 करोड़ लोग रहते हैं । इस क्षेत्र से भारत की जी डी पी को 40% सहारा मिलता है ।
आस पास के जंगलों में बड़ी मात्रा में कार्बन स्टोर होती है यदि इसे रिलीज़ किया जाये तो जलवायु संकट पैदा हो सकता है । संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़ नमामि गंगे प्रोजेक्ट से 2525किमी लंबी नदी के 1500 किमी के हिस्से को पुनर्जीवित किया जा चुका है ।इस लिये नमामि गंगे प्रोजेक्ट दुनिया के 10 प्रमुख प्रयासों में शामिल कर संयुक्त राष्ट्र ने सराहा । नमामि गंगे को संयुक्त राष्ट्र विश्व रेस्टोरेशन फ्लैगशिप के रूप में सम्मानित करने के गौरव पल के अवसर पर गंगा विचार मंच राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के राष्ट्रीय संयोजक डॉ भरत पाठक जी ने माननीय प्रधान मंत्री जी श्री नरेंद्र भाई मोदी जी , जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी एवं श्री ज़ी अशोक कुमार जी महा निदेशक महोदय राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन का अभिनंदन करते हुए बधाई प्रेषित किए ।
60 देशों के 160 से अधिक प्रोजेक्ट्स बीच जगह बनाते नमामि गंगे पारिस्थितिकी तंत्र के पुनरुद्धार के दुनिया के 10 सर्वश्रेष्ठ उदाहरणों में से एक बनने पर महा निदेशक श्री जी अशोक कुमार जी ने कनाडा में सम्मान प्राप्त किया । गंगा विचारमंच , नमामि गंगे के कार्यकर्ताओं ने बधाई प्रेषित किए ।