लुधियाना – भारत में आज भी महिलाओं समाज में पूरी तरह पुरुषों के बराबर दर्जा प्राप्त नहीं कर पाई जबकि महिलाएं समाज के विकास एवं तरक्की में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उनके बिना विकसित तथा समृद्ध समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीता शर्मा ने एक भेंट वार्ता में बताया कि जो महिलाये पढ़ी लिखी है बिज़नेस या नौकरी करती है उन्हें सबसे पहले आगे आकर घरेलू महिलाओं को उनके अधिकारों के लिए जागरूक करना होगा |
भारत की लगभग आधी जनसँख्या का प्रतिनिधित्व महिलाएं करती है। अगर उनकी क्षमता पर ध्यान नहीं दिया गया तो इसका साफ़ साफ़ मतलब है देश की आधी जनसँख्या अशिक्षित रह जाएगी और अगर महिलाएं ही पढ़ी लिखी नहीं होगी तो वह देश कभी प्रगति नहीं कर पाएगा। हमें यह बात समझनी होगी की अगर एक महिला अनपढ़ होते हुए भी घर इतना अच्छा संभाल लेती है तो पढ़ी लिखी महिला समाज और देश को कितनी अच्छी तरह से संभाल लेगी।
शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के बिना परिवार, समाज और देश का विकास नहीं हो सकता। महिला यह जानती है की उसे कब और किस तरह से मुसीबतों से निपटना है। जरूरत है तो बस उसके सपनों को आजादी देने की।
पहले महिलाओं की दशा दासियों से भी बदतर थी। अगर कोई महिला लड़की को जन्म देती तो उसे या तो मार दिया जाता था या उसे घर के सदस्यों द्वारा पीटा जाता था। लड़की को जन्म देना पाप माना जाता था। उनसे सिर्फ यही अपेक्षा की जाती थी कि वे लड़के को ही जन्म दे। पर बदलते वक़्त के साथ हालात बदलते गए।
अब जरूरत है कि जो महिलाएं पढ़ी लिखी और सम्पन्न परिवार से है आगे आकर घरेलू अनपढ़ महिलाओं के उत्थान व उनके अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक करे। बड़े शहरो में वूमेन क्लब और किटी पार्टी करने वाली महिलाओं को बड़े बड़े होटलो व रेस्टोरेंट में जाकर अपना आनंद व मनोरंजन करने के साथ साथ समाज में जो महिलाये अपने अधिकारों से वंचित है उनके लिए भी कुछ ऐसे कार्य करने चाहिए ताकि हमारे देश में महिलाये भी पुरषो के बराबर कार्य कर सके।