चंडीगढ़ : आर.के.विक्रमा शर्मा
सीने में उठता रहा जानलेवा दर्द और दिल में जज्बा रहा कर्तव्य पूर्ति का ! और जज्बा जीता तो सेक्टर ३१ में तैनात थाना प्रभारी इंस्पैक्टर बक्शीश सिंह अपने इलाके में पत्थर बजी का मैसेज मिलते ही तुरंत मौके पर धमके ! पर दर्द को इलाके की शांती तो मिल गई पर पर फर्ज अदायगी ने दिल की पीड़ा को कम न किया ! बक्शीश सिंह को आनन-फानन में सेक्टर ३२ के गवर्नमेंट मेडिकल कालेज हस्पताल में भर्ती करवाया गया! पर डाक्टरों के लाख यत्न और पुलिस के जवानों और दोस्तों आदि की दुआएं रात तकरीबन (१७–१८/१/११ की रात) एक बजे दम तोड़ गईं और पहली मर्तबा थाना प्रभारी बने इंस्पैक्टर बक्शीश सिंह बुधवार १९–०१–२०११ को अपने वैवाहिक जीवन की सालगिर मनाने को मोहताज बन कर लम्बी तान कर सो गये! दिल से दिल के दर्द जानने का माहिर और रौबदार साथी खोने वाले पुलिस अफसरों में शुमार इण्डस्ट्रियल एरिया के पुलिस स्टेशन के इंचार्ज इंस्पैक्टर मलकीत सिंह ने रुंधे गले से बताया की बक्शीश सिंह सालगिरह के सपने को लेकर ख़ामोशी में ही चला गया ! सुना जा रहा है कि बक्शीश सिंह के मौत लम्बी थकान भरी १८ घंटे के ड्यूटी और पत्थरबाजी की टेंशन ही उसकी बेवक्त और दर्दनाक मौत का सबब बनी! चंडीगढ़ पुलिस के एस.एस.पी. नौनिहाल सिंह भी अपना इक बेहतरीन अफसर खोने
का दुःख लाख यत्न करने पर भी छुपा तक न सके ! चंडीगढ़ पुलिस का ये दबंग एस.एस.पी. को खुशप्रीत सिंह के बेरहमी से कत्ल के बाद आज फिर अपने होनहार इंस्पैक्टर बक्शीश सिंह के दर्दनाक अकाल चलाने पर आंसू बहाते अपनी नर्मदिली की कहानी कहते देखे गये!
आज भारी भीड़ के बीच अपने आला अधिकारीयों और अपने रिश्तेदारों और हितैषियों सहित पुलिस के सहकर्मियों के सजल नेत्रों से इंस्पैक्टर बक्शीश सिंह ने अंतिम विदाई ली ! उनका अंतिम संस्कार स्थानीय श्मशान घाट में पुरे रस्मों रिवाज से उनके घरवालों और चाहनेवालों के मौजूदगी में किया गया !