अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पंजाब ने आज परवाना क्लब नजदीक सर्किट हाउस पटियाला में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में करोड़ों का घोटाला करने के आरोप में घिरे पंजाब के मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को मंत्री पद से हटाया जाए। जब यह विषय आया था तब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पंजाब में जिला स्तर पर पंजाब सरकार की घिनौनी हरकत का विरोध भी किया था और राज्यपाल को जिला अधिकारियों के द्वारा ज्ञापन देकर इसकी जांच की मांग भी की थी लेकिन जांच के परिणाम से यह साफ पता लगता है कि उस जांच को प्रभावित किया गया था।
अ.भा.वि.प के उत्तर क्षेत्रीय संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल जी ने कहा कि पंजाब के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कृपा शंकर सरोज की रिपोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस घोटाले में सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण एवं अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री साधु सिंह धर्मसोत की भी मिलीभगत है, इसलिए मंत्री को पद से हटाने के साथ-साथ घोटाले में शामिल सभी अधिकारियों को खारिज किया जाए। उन्होंने ने आगे कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के तहत उन शिक्षण संस्थानों को भी पैसा आवंटित कर दिया गया जिनको माननीय हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी थी। इसलिए उन सभी शिक्षण संस्थानों से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम का पैसा वसूला जाए जिन्हें यह पैसा आवंटित किया गया है।
विक्रांत खंडेलवाल ने कहा है कि एडीशनल चीफ सेक्रेट्री की रिपोर्ट में करीब 1 साल के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है जो कि करीब 64 करोड़ रुपए का है। उन्होंने कहा कि अगर पिछले सालों के रिकॉर्ड की जांच की जाए तो यह घोटाला और भी ज्यादा हो सकता है। उन्होंने कहा कि साधु सिंह धर्मसोत दलित समुदाय से ही है इसके बावजूद उन्होंने दलित विद्यार्थियों के साथ अन्याय किया है। वह मंत्री पद पर रहने के काबिल नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही दलितों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार दलित विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए यह पैसा पंजाब को और देश के बाकी राज्यों को भेजती है मगर पंजाब की कांग्रेस सरकार दलित विद्यार्थियों को उनके हक से वंचित रख रही है। दलित विद्यार्थी पोस्ट मैट्रिक स्कीम का पैसा लेने के लिए हर बार सड़कों पर धरने लगाते हैं मगर पंजाब की कांग्रेस सरकार के मंत्री पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम का पैसा जारी करने की बजाय उस में मिलीभगत कर घोटाले कर रहे हैं।
इस मौके पर प्रदेश सचिव चिरांशु रत्न ने कहा की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की यह मांग है के इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की देख रेख में हो। प्रदेश सह सचिव गौरव राणा ने बताया के आगामी समय में पंजाब के सभी जिलों में प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किए जाएंगे और 20 अक्टूबर को चंडीगढ़ में प्रदेश स्तर का एक प्रदर्शन किया जाएगा और इस बात को लेकर अभावी पंजाब के कार्यकर्ता सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री के पास भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि तब तक संघर्ष जारी रखेगी जब तक दलित विद्यार्थियों को उनका हक नहीं मिल जाता। इस मौके पर प्रदेश सह मंत्री गौरव राणा, नगर मंत्री लोकेश शर्मा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य योगेश और नगर सह मंत्री दीक्षा आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।