प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में नए कृषि सुधार क़ानूनों के हो रहे विरोध को लेकर विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज जब केंद्र सरकार, किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए हैं। ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाए। इसी के साथ पीएम ने एक बार ख़ुद स्पष्ट किया कि MSP भी रहेगी और किसान कहीं भी अपनी उपज बेच सकेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम जन के जीवन और सामाजिक व्यवस्था में सार्थक बदलाव लाने के लिए बीते मानसून सत्र में पास कराए गए विधेयकों पर विपक्ष के रवैये और मंशा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने विपक्ष पर कड़ा हमला करते हुए कहा कि कुछ लोग सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि देश में अनेकों ऐसे छोटे-छोटे दल हैं जो अपने संकीर्ण हितों और स्वार्थ के लिए बड़े काम में बाधा डाल रहे हैं.
किसानों द्वारा विरोध के नाम पर राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर जलाए जाने का ज़िक्र करते हुए।
पीएम मोदी ने कहा कि संकीर्ण मानसिकता और स्वार्थी लोग नहीं चाहते कि किसान बिचौलियों और लालफीताशाही के चंगुल से मुक्त हों।
उन्होंने कहा कि दशकों से लोग MSP लागू करने की बात करते रहे लेकिन किया कुछ नहीं। ये मोदी सरकार थी जिसने स्वामीनाथन कमीशन की इच्छा के अनुसार MSP लागू करने का काम किया।
देश में MSP भी रहेगी और किसानों को कहीं पर भी अपनी उपज बेचने की आजादी भी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महज़ विरोध के नाम विरोध विपक्ष की पुरानी आदत है। यहां तक कि डिजिटल इंडिया, जन धन कार्यक्रम और RuPay कार्ड जैसे परिवर्तनकारी कार्यक्रमों की भी आलोचना की गई। GST की वजह से, देश में घरेलू सामानों पर लगने वाला टैक्स बहुत कम हो गया है। गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण का फैसला हो या गरीबों वंचितों के मसीहा डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर की याद में 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की बात हो या फिर ,अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन, या फिर वन रैंक-वन पेंशन लागू कर पूर्व सैनिकों को लगभग 11 हजार करोड़ रुपए एरियर देने का फैसला हो, हर बदलती हुई तारीख के साथ विरोध के लिए विरोध करने वाले ये लोग देश के लिए, समाज के लिए अप्रासंगिक होते जा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि बरसों तक सेना के आधुनिकिकरण को नज़रअंदाज किया गया। जबकि वायुसेना आधुनिक लड़ाकू विमान की लगातार मांग करती रही ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हो या स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन कुछ राजनीतिक दलों ने मोदी सरकार द्वारा उठाए गए हर ऐतिहासिक कदम का बहिष्कार किया है।