श्रीगंगानगर, 18 अगस्त : श्रावण शुक्ल द्वितीया वैदिक धर्मसंघ के संस्थापक अभिनव शंकर पूज्यपाद यतिचक्र चूड़ामणि स्वामी श्री हरिहरानन्द सरस्वती करपात्री जी महाराज जी के 116 वे जयंती महामहोत्सव को श्री धर्मसंघ संस्कृत महाविद्यालय के श्री कृष्णबोध ज्ञान पीठ, श्रीगंगानगर मैं बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर व्यस्थापक पूज्य श्री कल्याणस्वरूप जी महाराज जी ने सभी वैदिक विप्र बालकों को स्वामी जी के जीवन चरित्र को प्रकाशित कर प्रेरणा हेतु प्रेरित किया।इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता काशी से पधारें श्री डॉ. वागीशस्वरूप महाराज जी ने की तथा माँ गंगा के पावन तट से पधारें पूज्य ब्रह्मचारी केशवस्वरूप व स्वामी महेशानन्द गिरी जी ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी।
मंच संचालन पूज्य वैदिक श्री जितेन्द्र शुक्ल जी ने की। यतिचक्र चूड़ामणि अभिनव शंकर शिवावतार धर्मधुरंधर प्रातः स्मरणीय पूज्य पाद परम गुरुवर गुरु पितामह स्वामी हरिहरानंद सरस्वती करपात्री स्वामी जी की 116 वीं जयंती जन्मोत्सव पर पूज्य महाराज श्री के श्री चरणों में प्रणाम निवेदित करता। धर्म सम्राट वो नाम है जिन्होंने पूरे उत्तर भारत में सनातन धर्म की मर्यादाओं को पन: जागृत करने का कार्य किया है ।
एक ऐसा सन्यासी जो भारत की स्वतंत्रता के लिए कार्य करता है ,शास्त्र मर्यादाओं के पालन के लिए समाज को जोड़ने का काम करता लीहै। यज्ञ रक्षा, गौ रक्षा , वेद रक्षा, मंदिरों , देवालय की पूजा विधि-विधान से हो राम-राज्य की स्थापना का संकल्प लेकर के समाज को एकत्रित करने का काम करता है । कश्मीर हमारा है एक प्रधान, एक निशान ,एक संविधान, का उद्घोष देने वाले धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज का आज जन्म महोत्सव हम सभी भारत वासियों के लिए गौरव का विषय है और सब को श्रद्धा सुमन करके राष्ट्र र के सजीव व महापुरुषों के श्री चरणों में प्रणाम निवेदित करना चाहिए।