हमे_वीरता_चाहिये_पथ्वीराज_कि_जीत_के_बाद_सोच_चाहिये_गजनवी_की उन्हें जब यूरोप के द्वार खुलवाने थे तब उन्होंने समुंदर के किनारे एक बच्चे की लाश की फ़ोटो को वायरल किया और यूरोप की जनता ने अपनी ही सरकारों पर दबाब बना कर यूरोप के दरवाजे खुलवा दिए जबकि उसी समय साऊदी अरब ने अपनी सीमाएं सील कर दी थी
जब उन्हें रोहिंया आपके देश में घुसडने थे तब गर्भवती औरतों के फोटो वायरल किये और उसकी बदौलत रोहिंया जिन्हें अपने ही देश से भगा दिया गया आपके देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैल गएवो
कश्मीरी पंडितों और उनके बच्चों के फोटो वायरल नहीं करेंगे ध्यान रखिये वो कभी भी तालिबान के खिलाफ नहीं होंगेवो कभी ISIS के खिलाफ नहीं होंगेवो धरने प्रदर्शन तब करेंगे जब अमेरिका लादेन को मारेगावो 26/11 के बाद कोई राष्ट्रीय मुहिम नहीं चलाएंगेइस बार भी उन्होंने यही कियाआपके जब 45 मारे तो वो खामोश थे और आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे थे और आपकी ताकत जांच रहे थेजैसे ही ताकत दिखाई वो अपने प्रोपेगेंडा पर आ गए
समझिए उनके कुचक्र कोवो सिर्फ युद्ध के मैदान में नहीं लड़तेउनके सिपाही हर जगह हैं अपने अपने तरीके से युद्ध लड़ने के लिएजब वो जीत रहे होंगे तो कोई मानवाधिकार पोस्ट वायरल नहीं होगी पर वो जब हार रहे होंगे तो हमेशा रोती गिड़गिड़ाती फ़ोटो और वीडियो आपके सामने लाये जाएंगेआपकी भावनाएं भी उनके हथियार हैं ध्यान रखिये वो एक लक्ष्य को लेकर चल रहे हैंआपको बार बार जीतना होगा पृथ्वीराज की तरहपर उन्हें सिर्फ एक बार जीतना होगा मोहम्मद गौरी की तरह
(यह लेख हमारे पाठक पृथ्वी सिंह जी ने बाड़मेर से भेजा है )