अरुण कान्त शुक्ला , नवंबर 2011 : रमन सिंह दीपावली मिलन में भी शिक्षा कर्मियों को धमकाने से नहीं चूके . उन्होंने प्रेस क्लब द्वारा आयोजित दीपावली मिलन कार्यक्रम में कहा कि यदि शिक्षा कर्मी 8 नवंबर तक काम पर नहीं लौटे तो उनकी बर्खास्तगी तय है और सड़क पर 2 लाख बेरोजगार उनकी जगह लेने तैयार हैं | आज गिरफ्तार शिक्षाकर्मियों की संख्या हजारों में पहुँच चुकी है और उन्हें राजधानी में प्रवेश करने से रोका जा रहा है |
रमन सरकार की सख्ती के बावजूद शिक्षाकर्मी अपनी मांगों को लेकर आरपार की लड़ाई पर हैं | गिरफ्तार शिक्षाकर्मी संघ के नेताओं ने जेल के भीतर आमरण अनशन शुरू कर दिया है | फेडरेशन के प्रांतीय सचिव धर्मेश शर्मा के द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार भले ही पोलिस और प्रशासन शिक्षाकर्मियों को बाहर अनशन पर नहीं बैठने दे रहा हो लेकिन जेल में शिक्षाकर्मी फेडरेशन के पदाधिकारियों सहित कई शिक्षाकर्मी अनशन पर चले गये हैं |
दूसरी तरफ प्रदेश भर से शिक्षाकर्मियों का राजधानी रायपुर आना अभी भी जारी है | प्रशासन के निर्देश पर उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा जा रहा है | अब तक डेढ़ हजार से ज्यादा शिक्षाकर्मी गिरफ्तार हो चुके हैं | प्रशासन और पोलिस के बौखलाहट की हालत यह है कि पोलिस धरना स्थल के आसपास घूमने वाले अन्य नागरिकों को भी शिक्षाकर्मी समझ कर पकड़ रही है | उन्हें पोलिस की गिरफ्त से बचने के लिये शिक्षाकर्मी नहीं होना प्रमाणित करना पड़ता है | प्रदेश के अन्य जिलों से भी शिक्षाकर्मियों की गिरफ्तारी की सूचनाएं लगातार आ रही हैं | बिलासपुर , राजनांदगांव , दुर्ग , जांजगीर , धमतरी आदि जगहों से लगातार गिरफ्तारी की सूचनाएं आ रही हैं |
शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को दबाने के तरीकों को लेकर प्रदेश के आम लोगों में भारी रोष है और उनकी पूरी सुहानभूति शिक्षाकर्मियों के आंदोलन के साथ है | प्रदेश माकपा के सचिव मंडल सदस्य संजय पराते और सीटू प्रदेश संगठन के कार्यकारी सचिव अजीत कुमार लाल ने भाजपा पार्टी और रमन सरकार पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों ने प्रदेश के लगभग पौने दो लाख शिक्षाकर्मियों के साथ विश्वासघात किया है | उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब जोगी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी और शिक्षाकर्मियों ने संविलियन की मांग को लेकर आंदोलन किया था , तो भाजपा ने रमन सिंह के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए न केवल उसका समर्थन किया था बल्कि आने वाले आम चुनावों में सत्ता में आने के बाद संविलियन देने का वायदा भी किया था | अब भाजपा सरकार उस वायदे को दमन से पूरा कर रही है | दोनों ने दमन की निंदा करते हुए कहा कि समान कार्य के लिये समान वेतन एक संवैधानिक अधिकार है और शिक्षाकर्मियों को यह जल्द से जल्द मिलना चाहिये | रायगढ़ , जहां लगभग 35 शिक्षाकर्मी रविवार को गिरफ्तार किये गये है , के ट्रेड युनियन काउन्सिल के संयोजक गणेश कछवाहा का कहना है कि रमन सरकार जहां एक ओर उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के लिये खुला खजाना लेकर बैठी है , कर्मचारियों और मजदूरों के मामले में पूरी तरह असंवेदनशील है | उन्होंने भी इसे भाजपा सरकार की वादाखिलाफी बताया और मांग की कि गिरफ्तार शिक्षाकर्मियों को तुरंत छोड़ा जाये , नहीं तो आंदोलन मजदूरों और कर्मचारियों के अन्य तबकों में भी फैलेगा |
प्रदेश के आम लोगों की धारणा है कि प्रजातंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से सरकार का ध्यान उन्हीं के वायदों को पूरा करने के लिये आंदोलन किया जाना अनुचित नहीं है | इस परिस्थिति में समस्या का समाधान करने की बजाय एस्मा लगाकर प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपनी तानाशाही एवं आपराधिक वादाखिलाफी को प्रदर्शित किया है | इस बात पर लगभग सभी सहमत हैं कि शिक्षाकर्मियों को उनकी दशा सुधारने के लिये सम्मानजनक वेतन दिया जाना चाहिये |