फोंडा(गोवा)के होटल ‘पैन एरोमा’ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वे बोल रहे थे। इस समय ‘गोमंतक मंदिर महासंघ’ के राज्य सचिव श्री.जयेश थळी, ‘हिंदू विधिज्ञ परिषद’ के गोवा राज्य सचिव अधिवक्ता नागेश जोशी और ‘हिंदू जनजागृति समिति’ के दक्षिण गोवा राज्य समन्वयक श्री.सत्यविजय नाईक उपस्थित थे।
24से30जून2024तक श्री रामनाथ देवस्थान,फोंडा,गोवा में आयोजित7दिवसीय हिन्दू सम्मेलन में अमेरिका,सिंगापुर,घाना(दक्षिण अफ्रीका),इंडोनेशिया और नेपाल के साथ–साथ भारत के26राज्यों की विभिन्न संगठनों के1000से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें प्रमुख रूप से विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान,विशेषज्ञ,पत्रकार,संत,धर्माचार्य,मंदिरों के ट्रस्टी,पुरोहित,अधिवक्ता,हिंदुत्वनिष्ठ और उद्यमी उपस्थित थे।
‘हिंदू जनजागृति समिति’ के श्री.सुनील घनवटने आगे कहा कि इस सम्मेलन में भारत और नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करने;काशी–मथुरा आदि हिंदू मंदिरों को अतिक्रमण मुक्त कर हिंदुओं को सौंपने;धर्मांतरण और गोवंश हत्या विरोधी कठोर कानून बनाने;हलाल सर्टिफिकेशन पर प्रतिबंध लगाने;हिंदू मंदिरों के सरकारीकरण को समाप्त करने; ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप’ और ‘वक्फ’ कानूनों को निरस्त करने;जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने;कश्मीरी हिंदुओं का पुनर्वास;श्रीराम सेना के श्री.प्रमोद मुतालिक पर गोवा प्रतिबंध हटाने;रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालने;ओटीटी प्लेटफार्म को कानून के दायरे में लाने;ऑनलाइन रमी जैसे जुएं पर प्रतिबंध लगाने आदि विषयों पर प्रस्ताव‘हर हर महादेव‘के जयघोष के साथ सर्वसम्मति से पारित किए गए। ये प्रस्ताव जल्द ही राज्य और केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे।
इस समय‘हिंदू जनजागृति समिति’ के श्री.सत्यविजय नाईक ने कहा कि इस सम्मेलन में हिन्दू राष्ट्र स्थापना के बारे में समाज में जागरूकता लाने के लिए समान सूत्री कार्यक्रम के तहत‘हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति‘, ‘हिंदू राष्ट्र सम्मेलन‘, ‘मंदिरों में प्रबोधन बैठक‘, ‘देशभर में विभिन्न स्थानों पर राज्य स्तरीय मंदिर परिषद आयोजित करना‘, ‘लव जिहाद‘तथा‘हलाल जिहाद‘के संदर्भ में जन जागरूकता बैठकें और आंदोलन आदि विविध उपक्रम आने वाले साल भर में चलाने का निर्णय लिया गया है। हिंदू धर्म पर नाटक,फिल्म या किसी भी माध्यम से आघात हुआ तो उसका तीव्र विरोध किया जाएगा।
इस समय‘गोमंतक मंदिर महासंघ’ के सचिव श्री.जयेश थळीने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान सम्मेलन के माध्यम से‘मंदिर संस्कृति रक्षा अभियान‘चलाया गया। इसके माध्यम से710मंदिरों में वस्त्र संहिता लागू की गई है और अन्य मंदिरों में भी वस्त्र संहिता लागू करने के प्रयास किए जाएंगे। मंदिर महासंघ के माध्यम से देशभर में14हजार मंदिरों का संघटन हुआ है। इस संघटन को व्यापक करने के लिए देशभर के छोटे–बड़े मंदिरों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इसके माध्यम से मंदिरों की सुरक्षा,संवर्धन और मंदिरों की समस्याओं को सुलझाने के प्रयास किए जाएंगे। महाराष्ट्र,कर्नाटक और गोवा राज्यों की तरह अन्य राज्यों में मंदिरों के संगठन के लिए मंदिर महासंघ के माध्यम से कई स्थानों पर राज्य स्तरीय मंदिर परिषदों का आयोजन किया जाएगा।‘सेक्युलर‘सरकार ने देशभर में हिंदुओं के साढ़े चार लाख से अधिक मंदिरों का सरकारीकरण किया है। इन मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए देशव्यापी अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर के100मीटर के क्षेत्र में मद्य–मांस पर प्रतिबंध लगाने के लिए संवैधानिक तरीके से आंदोलन किया जाएगा।
इस समय‘हिन्दू विधिज्ञ परिषद’ के गोवा राज्य सचिव अधिवक्ता नागेश जोशीने कहा कि इस सम्मेलन में देशभर से215से अधिक अधिवक्ता शामिल हुए थे। काशी,मथुरा,भोजशाला आदि प्रमुख हिंदू मंदिरों की मुक्ति के लिए संघर्ष जारी है। वर्तमान में देशभर में हिंदुत्वनिष्ठों को‘हेट–स्पीच‘के झूठे मामलों में फंसाने का काम अर्बन नक्सलियों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। कई बार ऐसा अनुभव होता है कि प्रचार तंत्र,प्रशासन तंत्र और न्याय तंत्र में कई कम्युनिस्ट विचारधारा के लोगों का भरणा है। उनकी एक‘इको–सिस्टम‘कार्यरत है जो हिंदु धर्म पर आघात करने का प्रयास कर रही है। इस‘इको–सिस्टम‘के खिलाफ लड़ने के लिए हमें अधिवक्ताओं का संघटन बढाना होगा।