इस अवसर पर कार्यक्रम का आरंभ श्री गणेश के श्लोक,शंखनाद,वेदमंत्रपठन एवं मान्यवरों के हस्तों दीपप्रज्ज्वलन से हुआ । व्यासपीठ पर ‘गौड सारस्वत ब्राह्मण टेंपल ट्रस्ट’के अध्यक्ष श्री.प्रवीण कानविंदे,ट्रस्ट के सचिव श्री.शशांक गुळगुळे,मनसा के नेता श्री.नितिन सरदेसाई,मुंबई के शल्य चिकित्सक डॉ.अमित थढानी,हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री.सुनील घनवट एवं हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर उपस्थित थे । इस कार्यक्रम के लिए विविध क्षेत्रों के मान्यवरों सहित राष्ट्र एवं धर्म प्रेमी भारी संख्या में उपस्थित थे ।
आगे श्री.पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा, ‘‘कश्मीर से कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ,यह पढकर भी हम मौन साधे रहे । गाजियाबाद में भीड के पीटने से अखलाक की हत्या होने पर जगभर आंदोलन किए गए;परंतु स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात अनियंत्रित भीड द्वारा477हिन्दू युवक–युवतियों को पीट–पीटकर उनकी हत्या की गई(मॉब लीचिंग)थी;परंतु इस विषय में कोई आवाज नहीं उठाता । देश में85करोड हिन्दुओं के होते हुए भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं । इसलिए हिन्दुत्व के हित के लिए हिन्दुओं को कार्य करना आवश्यक है । हिन्दुओं को ऐसी शक्ति निर्माण करनी होगी,जिससे यह सरकार हमारे कहे अनुसार चले ।
इस प्रसंग में मुंबई के श्री सिद्धिविनायक मंदिर का भ्रष्टाचार उजागर करनेवाले सुप्रसिद्ध सर्जन डॉ.अमित थढानी द्वारा लिखी गई ‘दाभोलकर–पानसरे हत्या:तपासातील रहस्ये’ इस मराठी पुस्तक का मान्यवरों के हस्तों प्रकाशन किया गया । इस पुस्तक में महाराष्ट्र के नास्तिकतावादियों की दिशाहीन जांच के संदर्भ में जानकारी है ।
इस सभा में श्री.शशांक गुळगुळे ने ‘गौड सारस्वत ब्राह्मण टेंपल ट्रस्ट’के कार्य की जानकारी दी । ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री.ऋत्विक औरंगाबादकर ने ‘बाणगंगा तीर्थ एवं कॉरिडोर प्रोजेक्ट’ के विषय में जानकारी दी । हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने हिन्दू विधिज्ञ परिषद द्वारा दी गई न्यायालयीन लढाई के विषय में बताते हुए कहा कि परिषद ने महाराष्ट्र के लगभग प्रत्येक सरकारीकरण हुए मंदिर के घोटालों को उजागर किया है ।
‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’के समन्वयक श्री.सुनील घनवट ने हिन्दुओं का आवाहन करते हुए कहा, ‘‘अयोध्या में भव्य श्रीराममंदिर का निर्माण हो रहा है,तब भी अब तक काशी,मथुरा के मंदिर मुक्त नहीं हुए हैं । इनके साथ ही देशभर में4लाख50हजार मंदिरों का सरकारीकरण हुआ है । केवल हिन्दुओं के मंदिरों का ही सरकारीकरण किसलिए?हिन्दुओं को इसके विरोध में व्यापक स्तर पर संग्राम छेडना चाहिए ।’’