संघ को जो काम करना है वो राजनीती से नहीं हो सकता ,संघ किसी के विरोध में काम नहीं करता संघ का कार्ये ‘सर्वेषाम अविरोधेन ‘चलता है हम किसी का विरोध करके नही चलते यह ईसाई ,मुसलमानों के विरोध में काम नहीं है ,हिंदू हित में काम है ,
संघ किसी को नहीं डराएगा ,लेकिन संघ स्वयंम डरेगा भी नहीं और न ही हिंदू को डराने देगा | आज कि राजनीती समाज को तोडती है ,इसलिए संघ चालू राजनीती से दूर रहता है ,संघ को सत्ता कि आकांशा नहीं है, संघ चुनाव नहीं लड़ना न ही संघ किसी व्यक्ति ,पार्टी के पीछे नहीं है ,संघ राष्ट्रीय नीतियो के पीछे है और रहेगा |
इतना बड़ा स्वयंसेवक वर्ग राष्ट्रीय दृष्टि प्राप्त सारे देश में फैल गया है | इसलिए संघ का प्रभाव है और जब कभी उसका उपयोग करना आवश्यक होगा तो करेगा पक्ष हित में नही ,व्यक्ति हित में नहीं .संघ हित में भी नहीं केवल राष्ट्र हित में ,इतनी प्रचंड स्वयंसेवकों कि शक्ति को संघ निष्क्रिय नहीं बैठने देगा उसका जरूर उपयोग करेगा |
संघ को अपने लिए कुछ प्राप्त नहीं करना संघ को देश के लिए सब कुछ करना है इसलिए आप को बुलाता है |हर सोचने समझने वाला व्यक्ति आरएसएस का नाम जनता है ,आरएसएस के काम को समझे ,संघ जिस विचार को उत्पन्न करता है और उस विचार के अनुसार व्यवहार करने वाला बलिष्ठ मन और बुद्धि तेयार करता है उस मर्म को समझे और उस मर्म को समझकर संघ के केवल हितेषी बनकर काम नहीं चलेगा संघ के संस्कार को संघ के कार्येकर्मो में आकार प्रत्यक्ष ग्रहण करते हुए संघ के सहयोगी कार्येकरता बनना पड़ेगा ,खुला दरवाजा है संघ कोई छुपा काम नहीं मन मर्जी आप आ सकते है मन मर्जी वापिस जा सकते है |