विपुल , प्रयागराज : “सेकुलरिज्म को इससे आसान शब्दों में आज तक नहीं समझाया गया होगा” एक मुस्लिम बच्चे ने अपनी माँ से पूछा “अम्मी, ये सेकुलरिज्म (धर्म निरपेक्षता) क्या होता है ?
“बुर्के में लिपटी महिला ने अपने बेटे को बताया, “बेटे, सेकुलरिज्म इस देश का वह सिस्टम है जिसमे हिन्दू करदाता जी तोड़ मेहनत कर सरकार को इतना टैक्स चुकाता है जिससे कि हम जैसे अल्पसंख्यकों को फ्री आवास, मदरसों में फ्री शिक्षा, फ्री मेडिकल ट्रीटमेंट, हज सब्सिडी आदि सुविधाएँ मिलती रहें, मंदिरों की हुंडियों का धन हमारे लिए प्रयोग किया जा सके किन्तु मस्जिदों में क्या हो रहा है, उस तरफ कोई आँख उठाकर देखने की भी हिम्मत ना कर सके ।
हमें कानून का संरक्षण तो मिले किन्तु कोई कानून हम पर लागू नहीं हो, इस प्रकार के जन्नतनुमा माहौल को ही सेकुलरिज्म कहते हैं ।
“लेकिन अम्मी, इससे हिन्दू करदाता नाराज नहीं होते ?” बच्चे ने पूछा ।
“होते हैं बेटा, किन्तु उनके गुस्से को कुंद करने के लिए हम उनको साम्प्रदायिक बताना शुरू कर देते हैं ताकि उनको शर्मिंदगी महसूस हो । इस तरह कुछेक अड़ियल हिंदुओं को छोड़कर, बाक़ी सभी हिन्दू इस सेकुलरता नाम के जहर को प्रसाद समझ कर ना केवल ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार कर लेते हैं बल्कि उन्हें अपने आप को सेक्युलर कहलवाने में गर्व भी महसूस होता है तथा वह अपने आप को सेक्युलर सिद्ध करने के प्रयास में लगे रहते हैं ।
उम्मीद है समझ में आ गया होगा
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