मधुकर कुमार : क्या कोई अमेरिका की किसी यूनिवर्सिटी में नारा लगा सकता है कि लादेन हम शर्मिंदा हैं,,तेरे क़ातिल ज़िंदा हैं??
क्या कोई इज़रायल की यूनिवर्सिटी में फ़िलिस्तीन के समर्थन में नारे लगा सकता है??
क्या कोई रूस की यूनिवर्सिटी में सीरिया के समर्थन में नारे लगा सकता है??
क्या कोई फ्रांस की यूनिवर्सिटी या विश्व के किसी भी ग़ैर मुस्लिम देश की यूनिवर्सिटी में इस्लामिक स्टेट के समर्थन में नारे लगा सकता है?
फिर ये बीमारी हमारे ही देश में क्यों है और इसे किसने पनपने दिया!!