जीएसटी समेत आर्थिक सुधार के ऐजेंड़े को रेकने के लिये वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज फिर से कांग्रेस पर हमला बोला है। अरुण जेटली ने कांग्रेस के विरोध के चलते सरकार के काम न कर पाने को देश की संसदीय व्यवस्था के लिये एक बड़ा खतरा बताया है वित्तमंत्री ने जीएसटी पर वैकल्पिक रास्ता अपनाने के भी संकेत भी दिये है।
संसद में लगातार हो रहे हंगामे के चलते जीएसटी समेत तमाम अहम बिलों का भविष्य अधर में लटा पडा है।
संविधान संशोधन विधेयक को पारित करने के रास्ते में बाधा पैदा करने से नाराज वित्त मंत्री अरण जेटली ने कहा है कि संसदीय प्रणाली का उल्लंघन करने वालों को इतिहास माफ नहीं करेगा।
कांग्रेस को जोरदार तरीके से आडे हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि वह लगातार संसद में गतिरोध पैदा कर भविष्य में विपक्षी दलों के लिए गलत मिसाल कायम कर रही है।
जेटली ने उम्मीद जतायी कि जीएसटी विधेयक पारित हो जाएगा।
हालांकि उन्होने ये भी कहा कि अगर विपक्ष के हंगामे के कारण ये पास नहीं हो सका तो सरकार को वैकल्पिक रास्ता अख्तियार करना होगा।
जीएसटी पर उद्योगपतियों की बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि देश को तेज गति से वृद्धि करने का अधिकार है, किसी को इस प्रक्रिया को रोकने, विराम लगाने या इसकी गति कम करने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सरकार वही निर्णय करेगी जो वह कार्यपालिका के आदेश से पूरा कर सकती है या वे धन विधेयक से जुड़े होंगे जिनके लिए राज्य सभा की मंजूरी अनिवार्य नहीं होती।
बाद में राज्यसभा में भी वित्त मंत्री ने देश के आर्थिक हालात और पेट्रोलियम पदार्थों पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के केन्द्र के फैसले पर विरोधियों को करारा जवाब दिया।