अमित तोमर : पूज्य महर्षि दयानंद सरस्वती जी के 192वें अवतरण दिवस पर सभी भाई-बहनों को हार्दिक बधाई। पूज्य स्वामी जी का जन्म उस समय हुआ जब भारत में ईसाई मिशनरी तंत्र अपनी नीव रख चुका था और मासूम अनपढ़ देशवासियो को बरगलाने के लिए उन्होंने हिन्दू धर्म और धर्मपद्धिति पर पुरज़ोर हमला बोल दिया था। उस समय का भारत पूरी तरह जातिवाद और मनुवादी सोच में जकड़ा हुआ था। करोड़ों हिन्दू इस्लाम कबूल चुके थे, निर्भीकता से वास्तविकता कहु तो औरंगज़ेब के अत्याचारो से कम मनुवाद से त्रस्त हो अधिक मतांतरण हुआ था। ईसाई मिशनरी भी अपने मिशन में बिना किसी अवरोध के केरल, गोवा, पुडुचेरी, तमिल नाडु आदि राज्यों में सफलता पा चुकी थी। मनुवाद, धर्म के नाम पर पाखण्ड, छुआ-छूत चरम पर था, ऐसा लगता था सनातन धर्म इस धरती से समाप्त हो जायेगा। ऐसी विकट प्रस्तिथि में 4 मार्च 1824 को महर्षि दयानंद सरस्वती का अवतरण हुआ। मानों अंधियारे को मिटाने के लिए हज़ारों वर्षो बाद भारत में फिर सूर्योदय हुआ हो। बचपन से ही महर्षि दयानंद ने हिन्दू धर्म में रच-बस चुके झूठे आडम्बर और पाखण्ड का विरोध शुरू कर दिया। मूर्ती पूजा और मंदिरों में दलित समाज के प्रवेश ना होने से कुंठित हो और मनुवादी सोच के पाखण्ड को समाप्त करने के लिए महर्षि दयानंद ने ‘आर्य समाज’ की नीव रखी।
आर्य समाज आंदोलन एक क्रांति बन गया, घार्मिक पाखण्ड से त्रस्त होकर मतांतरित हुए लाखो परिवार पुनः सनातन धर्म में लौट आये। हर घर में वेद वाणी गूंजने लगी, हर घर में प्रातः और सायं कालीन वैदिक यज्ञ होने लगे। भारत को संजीविनी मिल चुकी थी।
महर्षि दयानंद ने यहां एक ओर धार्मिक क्रांति से सनातन धर्म की रक्षा की वही दूसरी ओर राष्ट्रवाद का भी शंखनाद किया। भगवारूप धारी इस महापुरुष ने ही देश के स्वतंत्रता समर की फूंक पाञ्चजन्य में फूंकी।
हर ओर सनातन की जयकार थी। ऐसे में स्वाभाविक था कि मनुवादी ठेकेदार और बरतानिया सरकार को अस्तित्व बचाने का भय होने लगा। कभी धार्मिक पाखण्ड के अवरोध डाले गए तो कभी अंग्रेजी सरकार द्वारा महर्षि को डराया गया परंतु महर्षि के सत्य के सामने सब पराजित हो गए।
अंततः जब सब ओर से निराशा ही हाथ लगी तब अंग्रेजी सरकार ने एक षड्यंत्र रच महर्षि को जहर दे दिया।
आज फिर देश में ऐसा ही पाखण्ड फैला है, जातिवाद चरम पर है। भारत माता को उसी की छाती पर बैठ देशद्रोही गाली दे रहे है। आज फिर एक महर्षि दयानंद सरस्वती की आवश्यता इस देश को है।