कांग्रेस ने अपने सभी अलग अलग जातियों के नेताओं से बयान दिलाने शुरू किए की अगर सरकार बनी तो हमारी जाति का मुख्यमंत्री बनेगा।
सचिन पायलट-गुर्जर वोट
अशोक गहलोत-ओबीसी वोट
भंवर जितेंद्र सिंह-राजपूत वोट
रघु शर्मा- ब्राह्मण वोट
रामेश्वर डूडी-जाट वोट
लेकिन हैरानी की बात है कि अपनेआप को मुस्लिम पार्टी कहने वाली ओर दलितों की सबसे बड़ी हितेषी मानने वाली कांग्रेस ने किसी भी SC/ST ओर मुस्लिम चेहरे को आगे नहीं किया है क्योंकि एक तो कांग्रेस इनके वोटों को अपना बपौती मानती है और दूसरा इनको आगे करने से स्वर्ण/ओबीसी वोटों को खोने का डर है जो इस वक्त भाजपा से नाराज है। मुस्लिम को आगे करने से हिन्दुओ की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। अगर आप अभी राहुल गांधी या कांग्रेस के किसी भी नेता का भाषण सुनेंगे तो कहीं भी SC/ST एक्ट के लागू करवाने या दलित समाज के लिए कोई सहानुभूति की बात नहीं होती है और न ही बाबरी मस्जिद विध्वंस के बारे मे या अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए कोई बात होती है। पहले राहुल गांधी या अन्य कांग्रेसी नेता अपने भाषणों में सिर्फ भाजपा को कोसते थे कि मोदी दलित विरोधी है और अल्पसंख्यकों के दुश्मन है। अब कांग्रेस ने नया पैंतरा अपनाया है जिसमे मोदी और भाजपा को स्वर्ण/ओबीसी विरोधी बताया जाता है। अब कांग्रेस के राहुल गांधी सिर्फ मंदिरों में जाते है,जनेऊधारी बनते,टोपियां से दूरी रखते हैं। अब दलितों के घर जाकर खाना खाना भी छूट गया है
अभी इतने अधिक चेहरों को आगे करके चालाकी से गुर्जरों, राजपूतों,ब्राह्मणों,जाटों ओर मूल ओबीसी वोटो को अपने खेमे में लाने की कोशिश कर रही है जो पिछली बार उनसे दूर चले गए थे।
ओर कांग्रेस कुछ हद तक इन जातियों को बेवकूफ बनाने में सफल भी हो गयी है।