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डॉ0 जटाशंकर तिवारी : आपने अनुभव भी किया होगा कि कभी कभी रात में किसी अंधेरी सड़क या अंधेरे रास्ते पर हम लोग दूर जा रहे हों और हमारे पास कोई टॉर्च न हो या रोशनी का कोई प्रबंध न हो तो ऐसी स्थिति में कहीं दूर से टिमटिमाता हुआ एक छोटा सा दीपक, कैंडिल अथवा लालटेन भी हमारे लिए उत्साहवर्धक एवं आशाजनक होता है। मैं मानता हूं कि आज की वर्तमान राजनीतिक स्थिति में हमें कोई भी पार्टी या कोई भी नेता ऐसा नहीं दिखाई पड़ रहा है जो कि हमें इन जातिगत पार्टियों अथवा जातिगत बंधनों से मुक्त करा सके। यही बंधन हमारे देश के पतन का सबसे बड़ा कारण है। यही आरक्षण का भी कारण है। यही देश कोआगे न बढ़ने देने का कारण भी है ।
देश के आर्थिक महाशक्ति बनने में भी यही सबसे बड़ा व्यवधान है।विगत वर्षों में भाजपा या कहिए मोदी जी इस आरक्षण को तोड़ने की दिशा में थोड़ा सा प्रयास करते दिखे थे। पर नतीजा यह हुआ था कि बिहार का चुनाव हार गए। थे। उसके बाद अपनी राजनीतिक स्थिति को बचाने के लिए भाजपा ने ढुलमुल तरीका अपना लिया। यह उनकी मजबूरी थी, पर हमें इससे संतोष नहीं हुआ था। हम पर नोटा का भूत सवार हुआ था और हमने तीन प्रदेश खो दिए थे। क्या नोटा वालों को हिम्मत हुई थी कि वे इन सरकारों से आरक्षण अथवा एससी-एसटी एक्ट के बारे में कुछ बोल पाते ? नहीं न ! आखिर क्या मिला था? वर्तमान समय में चल रहे 2024 के संसदीय चुनाव में सवर्णों के पास देश और धर्म को बचाने के लिए तथा कुछ और जरूरी चीजों का सुधार करने के लिए भाजपा को प्रचंड बहुमत से जिताने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, भले ही भाजपा के सदस्य आरक्षित श्रेणी के ही व्यक्ति हों। मैं आप लोगों से यही कहूँगा कि आप लोग पूर्णतया भाजपा को support दीजिए और यह कह कर दीजिए कि हम आपकी सहायता कर रहे हैं जिससे आप आवें, दूसरी भ्रष्ट पार्टियाँ न आने पावें। इस तरह आप भाजपा के अंग बने रहेंगे ।
आगे चलकर चुनाव समाप्त होने पर आप भाजपा पर दबाव बना सकेंगे और दबाव बनाने के लिए उचित बिंदु की जरूरत पड़ती है। जनसंख्या नियंत्रण तथा कांग्रेस द्वारा संविधान में घुसेड़े गए देश और हिन्दू- विरोधी कानून वे बिंदु हैं। यदि सफलता नहीं मिलती है तो संविधान को ठीक करने की बात की जायगी। अगर यह भी विफल होता है तो तीसरा विकल्प शेष है। ‘विनय न मानत जलधि जड़’ के उत्तर के रूप में आप भी अन्य पार्टियों की तरह भाजपा के विरुद्ध मोर्चा खोल सकते हैं।
अतएव पूरे देश के सामान्य अर्थात सवर्ण साथियों से अनुरोध है कि आप खुले मन से सब कुछ भूलकर भाजपा के पक्ष में वोट दीजिये।साथ ही भाजपा से भी अनुरोध है कि वे सवर्णों के साथ उचित तालमेल बैठाकर चलें,अन्यथा आप इसका परिणाम पहले भी देख चुके हैं।बाकी बातें चुनाव के पश्चात की जावेंगी।