केंद्र सरकार की विदेश नीति पर विपक्षी नेता राहुल गाँधी द्वारा उठाए गए सवालों का विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने करारा जवाब दिया। विदेश मंत्री ने विपक्षी नेता राहुल गाँधी को ट्वीट के जरिए कुछ सलाह और कुछ नसीहत भी दीं।
विदेश मंत्री ने राहुल गांधी के वीडियो को रिट्वीट करते हुए कहा, ‘राहुल गांधी ने विदेश नीति पर कुछ सवाल उठाए हैं जिनके जवाब यहां है। हमारी प्रमुख भागीदारी मजबूत हैं। अमेरिका, रूस, यूरोप और जापान के साथ नियमित रूप से अनौपचारिक बैठकें हुई हैं। भारत ने चीन के साथ राजनितिक रूप से भी संवाद जारी रखा। विश्लेषकों से पूछ लें।’ अपने अगले ट्वीट में विदेश मंत्री ने लिखा ‘हम अपने मन की बात अब ज्यादा खुलकर रखते हैं। सीपैक, बीआरआई, दक्षिण चीन सागर, संयुक्त राष्ट्र से घोषित आतंकवादियों पर.. ये सब उदाहरण हैं, मीडिया से पूछें।’
एक अन्य ट्वीट में एस जयशंकर ने लिखा, ‘और सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर की पुरानी समस्या को दूर किया। 2008-14 के साथ 2014-20 की तुलना करें। बजट में 280% तक की बढ़ोत्तरी की, 32% सड़क निर्माण, 99% पुल और 6 गुना सुरंगों का निर्माण किया। हमारे जवानों से पूछें।’ अपने अगले ट्वीट में एस जयशंकर ने कहा, ‘ हमारे पड़ोसियों के बारे में कुछ तथ्य: श्रीलंका और चीन के बीच हंबनटोटा बंदरगाह समझौता 2008 में संपन्न हुआ था। मालदीव के साथ संबंध कमजोर हो गए थे। 2012 में राष्ट्रपति नशीद के शीर्ष पर काबिज होने के बाद अब संबंधों में बदलाव है। हमारे व्यवसायों से पूछें।’
राहुल के अगले सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा, ‘बांग्लादेश के साथ एक भूमि सीमा विवाद (2015) में सुलझा और अधिक विकास और पारगमन के रास्ते खोले। आतंकवादियों को अब वहां सुरक्षित पनाह नहीं मिलती है। हमारी सुरक्षाबलों से पूछो और जो इससे निपटते हैं उनसे पूछिए।’ एक अन्य ट्वीट में विदेश मंत्री ने कहा, ’17 वर्षों के बाद नेपाल में प्रधानमंत्री का दौरा हुआ और विकासात्मक परियोजनाएं शुरू हुई जिसमें बिजली, ईंधन, आवास, अस्पताल, सड़क आदि। उनके नागरिकों से पूछें।
भूटान एक मजबूत सुरक्षा और विकास का भागीदार रहा है। 2013 की तरह वे अब अपनी रसोई गैस के बारे में चिंता नहीं करते हैं। उनके घरवालों से पूछो।’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘अफगानिस्तान में पूर्ण परियोजनाओं (सलमा बांध, संसद), विस्तारित प्रशिक्षण और कनेक्टिविटी जैसे काम हुए। अफगानिस्तान के लोगों से पूछो। और पाकिस्तान ( जिसे आपने छोड़ दिया ) निश्चित रूप से एक तरफ बालाकोट और उरी और दूसरी तरफ शर्म-अल-शेख, हवाना और 26/11 के बीच का अंतर स्पष्ट है। अपने आप से पूछो।