370 35a, तीन तलाक, श्रीराम मंदिर फैसला, caa, npr, nrc जैसे राष्ट्रहित के फैसलों से बौखलाये भारत विरोधी अब संघ को बदनाम करने की नाकाम कोसिस करने लगे है।
सरसंघचालक जी के नाम पर प्रसारित की जा रही पुस्तिका संघ को बदनाम करने का षड्यंत्र …..
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर अपने दुष्प्रचार का एजेंडा असफल होता देख असामाजिक तत्वों ने नया हथकंडा अपनाया है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ० मोहन भागवत जी के नाम से 16 पृष्ठ की एक छोटी पुस्तिका प्रकाशित कर प्रचारित किया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है, संघ या सरसंघचालक जी की ओर से ऐसी कोई पुस्तिका प्रकाशित नहीं की गई है; असामाजिक तत्वों तथा संघ विरोधियों द्वारा सोशल मीडिया व ईमेल के माध्यम से पुस्तिका को प्रसारित किया जा रहा है, पुस्तिका में इस प्रकार के तथ्य प्रकाशित किए गए हैं, जिनका संघ से कोई संबंध नहीं है; संविधान को लेकर संघ की स्पष्ट मान्यता है, जिसे सरसंघचालक जी ने विभिन्न स्थानों पर व्यक्त भी किया है !!!!!
कोई भी पुस्तिका प्रकाशित की जाती है तो नियमानुसार उस पर प्रकाशक, प्रकाशन संस्था का नाम, आईएसबीएन क्रमांक अथवा पंजीकरण क्रमांक प्रकाशित करना आवश्यक है, लेकिन प्रचारित की जा रही पुस्तिका में ऐसी कोई जानकारी नहीं है, इसी से समझ में आता है कि पुस्तिका को प्रचारित करने का एकमात्र उद्देश्य समाज में भ्रम फैलाना, समाज में विघटन उत्पन्न करना, विशेष वर्ग के लोगों को अन्य के प्रति भड़काना है …..
साजिशकर्ताओं ने पुस्तिका को अधिक प्रचारित करने के उद्देश्य से पुस्तिका को लेकर अपने सुझाव प्रधानमंत्री कार्यालय और नागपुर कार्यालय भेजने को कहा है, इतना ही नहीं उत्कृष्ट सुझाव देने वाले को 10 हजार रुपए के पुरस्कार का लालच भी दिया गया है !!!!!!!!!
ऐसे झूठी पुस्तको से संघ का कोई लेना देना नही है। संघ को बदनाम करने के लिये विरोधियो की एक नई चाल है। जिससे हम सब भारत बासियो को सजग रहने की जरूरत है।
जयहिंद वंदेमातरम् भारत माता की जय