आज 1लाख 8 सूर्य नमस्कार महायज्ञ के तीसरे दिन रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने अपना सहयोग देने की बात कही श्री भट्ट जी बताया की सूर्य नमस्कार हमारे प्राचीन सभ्यता का अंग है जिसके चलते हम प्रातः सूर्य पर जल चढ़ाते हैं । इस महायज्ञ द्वारा हम परिवार की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने मैं मदद मिलेगी नवयोग सूर्योदय सेवा समिति, केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (CCRYN, आयुष मंत्रालय के तहत) और AyuRythm (एक मोबाइल ऐप जिसने फोन पर नाडी परीक्षा को डिजिटाइज़ किया है) के सहयोग से “सूर्याथन” 15 जुलाई से चल रहा है जायेगा । कार्यक्रम के सूत्रधार अंतरराष्ट्रीय नाद योग गुरु डा नवदीप जोशी ने बताया सूर्याथन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सूर्य नमस्कार के सकारात्मक प्रभावों का अध्ययन करने के लिए एक शोध और जागरूकता निर्माण कार्यक्रम है। यह 1 महीने के भीतर 1,00,008 सूर्यनमस्कार पूर्ण करने का विश्वव्यापी कार्यक्रम है।
किसी भी बीमारी के दुर्बल प्रभावों से बचने के लिए प्रतिरक्षा और शारीरिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए, एक परिवार के रूप में योग का अभ्यास करने से न केवल परिवार के सदस्यों के बीच संबंध बढ़ता है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, खासकर बच्चों पर जो माता-पिता को प्रेरणास्रोत के रूप में देखते हैं। इस परिकल्पना का परीक्षण करने और स्थापित करने के लिए, हमने सूर्याथन कार्यक्रम बनाया है। उन्होंने बताया वे स्वयं प्रतिदिन 22 मिनट में 108 सूर्य नमस्कार की सहभागिता करेंगे । कार्यक्रम में 25 विश्वविद्यालय के साथ अंतराष्ट्रीय सेमिनार भी किया जायेगा । जिसमें देश के सेलिब्रेटी एवम् सरकार के मंत्रीगण का सानिध्य मिलेगा ।
नवयोग सूर्योदय सेवा समिति के वैज्ञानिक विशेषज्ञ डा विक्रम सिंह ने कहा अपने ऑनलाइन सत्र के माध्यम से व्यक्तियों को सही ढंग से और नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने के लिए प्रशिक्षित और प्रेरित करेंगे। व्यक्ति इसे अपने परिवार, दोस्तों या सहकर्मियों के साथ कर सकते हैं। AyuRythm का उपयोग करते हुए, उपयोगकर्ताओं को सूर्यनमस्कार से पहले और बाद में अपनी नाड़ी विश्लेषण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि उनके स्वास्थ्य पर हो रही प्रगति को ट्रैक किया जा सके। अध्ययन के अंत में, नवयोग सूर्योदय सेवा समिति की निर्देशिका योगाचार्य मंजरी जोशी ने बताया उपयोगकर्ताओं द्वारा स्वेच्छा से साझा किए गए डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित किया जायेगी , AyuRythm के सी ई ओ अभिलेश गुप्ता ने बताया ayurythm की मदद से डेटा का अध्ययन करेगी और अपने निष्कर्षों को प्रकाशित करेगी। वैज्ञानिक और सांख्यिकीय विधियों के माध्यम से प्राप्त अध्ययन के परिणाम, सूर्यनमस्कार के बारे में हमारी समग्र समझ को बढ़ाएंगे और ज्ञान के सभी आयाम में योगदान देंगे। देश विदेश आए विद्वानों में डा पवन चौहान, प्रो. सरस्वती काला , प्रो. विनोद नोटियाल, योग गुरु मोहन कार्की , योगाचार्य संजीव त्यागी, योग प्रशिक्षक रितेश दुबे, राधावल्लभ , डा अलका गुप्ता, डा नवीन भट्ट, डा भानु जोशी, योगाचार्य राजीव कुमार, डा नवीन कांडपाल आदि 100 विद्वानों ने भाग लिया ।