चंडीगढ़, 5 नवंबर: पंजाब राज्य अनुसूचित जाति कमिशन ने पंजाब सरकार को आदेश दिये हैं कि 26 नवंबर को ‘राष्ट्रीय संविधान दिवस’ के तौर पर मनाया जाये ताकि भारत के संविधान संबंधी और संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अंबेदकर द्वारा संविधान बनाने में डाले गये बहुमूल्य योगदान को राज्य भर के विद्यार्थीयों से सांझा किया जा सके।
एस सी आयोग के चेयरमैन श्री राजेश बाघा ने यह जानकारी देते हुये बताया कि कमिशन ने पंजाब सरकार को आदेश दिये हैं कि इस दिन जहां प्रत्येक स्कूल, कालेज एवं यूनीवर्सिटी में सैमीनार क्विज और अन्य मुकाबले करवाये जायें, वहीं प्रत्येक जिले में विजेताओं को प्रमुख शख्शीयतों द्वारा सम्मान्नित भी किया जाये ताकि भारत के संविधान और संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अंबेदकर द्वारा संविधान बनाने में डाले गये बहुमूल्य योगदान संबंधी बच्चों को अवगत् करवाया जा सके। विद्यार्थी यह भी समय सकें कि भारत के संविधान का इतिहास क्या है और इसको किसने बनाया है एवं लागू किया है। श्री बाघा ने बताया कि 26 नवंबर का दिन देश वासियों के लिए खास दिन है क्योंकि इस दिन डॉ. भीम राव अंबेदकर के नेतृत्व में भारत का संविधान संपूर्ण किया गया था और 26 जनवरी, 1950 को इस संविधान को समूचे भारत ने लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि यह दिन समूचे भारत में डॉ. भीम राव अंबेदकर की याद के साथ-साथ भारत के संविधान अनुसार नागरिकों के कर्तव्यों, अधिकारों एवं संविधान के अन्य पक्षों संबंधी जानकारी दी जानी चाहिए ताकि पंजाब एवं देश के युवा वर्ग भारत के संविधान संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकें और उनके ज्ञान में बढ़ौतरी हो सके। उन्होंने कहा कि इससे नागरिक देश के विकास में और अधिक योगदान डालने के काबिल हो सकेंगे।
श्री बाघा ने आगे कहा कि कमिशन ने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि 26 नवंबर ‘राष्ट्रीय संविधान दिवस’ के तौर पर मनाया जाये और इस दिवस पर स्कूलों, कालेजों एवं यूनीवर्सिटियों में सैमीनार, डिबेट, क्विज और अन्य मुकाबले करवाये जाने के साथ -साथ सभी राज्यों की एसेंबली के विशेष सत्र बुलाये जाये ताकि डॉ. भीम राव अंबेदकर के योगदान संबंधी बहुमूल्य चर्चा की जा सके।