नम्र निवेदन है कि स्वतंत्रता के 65 वर्ष बाद भी दिल्ली राज्य में अधीनस्थ न्यायालयों में अभी तक अंग्रेजी भाषा का प्रयोग हो रहा है| नागरिकों को यदि भाषा, भूषा और संस्कृति की स्वतंत्रता न हो तो स्वतंत्रता अपने आप में ही अधूरी है| दिल्ली राज्य की मात्र राजकाज की भाषा हिंदी होना पर्याप्त नहीं है| दिल्ली एक हिंदी भाषी राज्य है किन्तु न्यायालयों की कार्यवाही को समझने के लिए जनता अभी भी वकीलों द्वारा अनुवाद कर समझाए जाने पर निर्भर और अनभिज्ञ है| यह स्थिति लोकतंत्र के सही पोषण के लिए उचित नहीं है|
पडौसी राज्य उत्तर प्रदेश के अधीनस्थ न्यायालयों में पर्याप्त पहले ही दिनांक 08.04.70 से हिंदी भाषा विधिवत लागू की जा चुकी है| मात्र दिल्ली राज्य की जनता को ही आपसे बड़ी अपेक्षाएं नहीं हैं वरन सम्पूर्ण राष्ट्र आपकी ओर उत्सुकता से देख रहा है|
अत: आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 137 व दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 272 के अनुसरण में अधीनस्थ न्यायालयों की भाषा हिंदी निर्धारित करने हेतु आवश्यक अधिसूचना जारी कर उपकार करें| कृपया पत्र की प्राप्ति अभिस्वीकृत करें और आप द्वारा की गयी कार्यवाही से अवगत करावें|
सादर,
भवनिष्ठ
मनीराम शर्मा
एडवोकेट
रोडवेज डिपो के पीछे
सरदारशहर 331403
जिला चुरू (राज)