मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार एवं नवयोग सूर्योदय सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में 13 जनवरी को दक्षिणा सूर्य मंदिर, गया में 400 साधकों ने सामुहिक सूर्य नमस्कार किया । जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में सूर्य नमस्कार में अपूर्व कीर्ति प्राप्त किए हुए अन्तर्राष्ट्रीय योग गुरु डॉ नवदीप जोशी ने कहा वैदिक काल से सूर्य की महिमा को वेदों में बताया गया है ।वेद में आया है यथा- “सूर्य आत्मा जगत:” अर्थात् सम्पूर्ण जगत् के आत्मस्वरुप सूर्य को कहा गया है। ज्योतिष में भी सूर्य आत्मा का कारक है। डॉ नवदीप ने कहा कि सूर्य चिकित्सा से जीवन शैली के असंतुलन से होने वाले रोग ठीक हो जाते हैं। तनाव एवं अवसाद जैसे अत्यंत गंभीर रोगों से मुक्ति मिलती है । कार्यक्रम में 108 सूर्य नमस्कार की प्रतियोगिता भी कराई गई ।
जिसमें 150 साधकों ने 108 सूर्य नमस्कार किये । इस आयोजन में मानव भारती नेशनल स्कूल , सरस्वती विद्या मंदिर , राम चन्द्र बनमाली बाबा कन्या उच्च विधालय , परम् ज्ञान निकेतन , विष्णुपद मन्दिर समिति, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद एवम सभी समाज के 400 साधकों ने भाग लिया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देव नाथ मेहरवार ने कहा युवाओं की ऊर्जा को बढ़ाने के लिये सूर्य नमस्कार का अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण है ।
कार्यक्रम का संयोजन आनद श्रीकर एवम कृष्ण कांत ने किया । शम्भु लाल बिट्ठल, अध्यक्ष मन्दिर समिति, प्रथानाचार्य में संजय सिंह , शशिकांत , अपराजिता , प्रेमलता कुमारी , सतेंद्र , शुभम पांडेय , करुणा कांत दुबे , सिद्धार्थ पाठक आदि कार्यकर्ताओं ने भाग लिया ।