भारत सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रतन देकर किसान व कमेरे का सम्मान किया है। वह भारत के सच्चे सपूत थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया और स्वतंत्रता संग्राम के वे अग्रणी ध्वजवाहक थे। किसान व कमरे वर्ग के सच्चे मसीहा थे। उन्हें भारत रतन बहुत पहले मिलना चाहिए था परंतु अब भी मोदी सरकार ने भारत रत्न देकर किसान व कमरे वर्ग का सम्मान किया है। यह बात चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने की खुशी का इजहार करते हुए बेरी के पूर्व विधायक चौधरी ओमप्रकाश बेरी ने कही।
चौधरी ओमप्रकाश बेरी ने कहा कि सन 1982 में मेरा सक्रिय राजनीति में प्रदार्पण चौधरी चरण सिंह के आशीर्वाद से हुआ। ईमानदारी व जनसेवा का पाठ मुझे चौधरी चरण सिंह ने ही पढ़ाया था। चौधरी चरण सिंह स्थानीय स्तर से राजनीति करते हुए प्रधानमंत्री जैसे शीर्ष पद पर पहुंचे। उनका राजनीतिक जीवन आदर्शों की खुली किताब था। वह किसानों के मसीहा के साथ-साथ महान अर्थशास्त्री थे।
ओमप्रकाश बेरी ने कहा कि राजीव लोगोंवाल समझौते के विरोध में इस्तीफा देने का प्रस्ताव जब मैंने जुलाई 1985 में लोकदल विधायक दल की बैठक में रखा था चौधरी चरण सिंह ने मेरी पीठ थपथपाई थी। सन 1987 के चुनाव से पहले वह परमात्मा को प्यार हो गए वरना हरियाणा की राजनीति में ईमानदारी व कर्मठता को वे आगे लाते। उन्हें हरियाणा से विशेष लगाव था। उनके अर्थशास्त्र से भारत की आर्थिक सेहत सुधारी जा सकती है। चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने पर नरेंद्र मोदी व केंद्र की भाजपा सरकार का आभार व्यक्त किया क्योंकि चौधरी चरण सिंह शोषित वंचित किसान व कमरे वर्ग के भाग्य विधाता थे। उन्होंने लड्डू बाटकर भारत रत्न की खुशी अपने समर्थकों के साथ मनाई । वे रोहतक झज्जर बेरी में कई बार आए थे। उनके द्वारा वोट क्लब की रैली विश्व की सबसे बड़ी रैलियां में थी। उन्होंने राष्ट्रपति वह पीएम मोदी का पुन आभार व्यक्त किया।