25 सितम्बर 2023 को पंजाब सरकार ने एक नोटिफिकेशन के जरिए सहकारी सभाओं को लेकर बहुत भारी फीस लगा दी है नादिरशाही नया कानून लागू कर दिया है, पंजाब सरकार द्वारा लगभग 32 प्रकार की सहकारी समितियों के लिए पंजीकरण शुल्क 1 लाख से 20 लाख तक के आदेश जारी कर दिए हैं, सहकार भारती इस कानून का विरोध करती है आम मेहनतकश लोगों के मन में रोष प्रकट हो रहा है।
सहकार भारती उत्तर क्षेत्र संगठन प्रमुख शंकर दत्त तिवारी ने इस नादिरशाही आदेश के खिलाफ पंजाब के बेरोजगार युवा, महिला और किसानों को एक मंच पर आने कि अपील की आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को बेहतर बनाने के लिए सहकारी आंदोलन ही एकमात्र साधन है। आर्थिक रूप से उत्पीड़ित लोगों की आर्थिक स्थिति। इस आंदोलन के तहत जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं एकत्रित होकर आपसी सहयोग एवं सहमति से सहकारी समितियां बनाकर रोजगार प्राप्त करते हैं ताकि समाज आत्मनिर्भर हो सके। इसलिए अतीत में, सरकारों ने काम करने के लिए सब्सिडी के रूप में सहकारी समितियों को सहायता दी है। पैसा और अन्य सुविधाएं भी दी गईं,
सहकारी समितियों के पंजीकरण के लिए एक लाख से बीस लाख रुपये उक्त पंजीकरण शुल्क लगाने से सहकारी समितियां आम गरीब मेहनतकश जनता की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। इससे आम गरीब लोगों में बेरोजगारी और निराशा की भावना बढ़ेगी और बेरोजगारी की स्थिति में युवाओं का रुझान नशे और अन्य असामाजिक गतिविधियों की ओर बढ़ेगा।
तिवारी ने कहा कि सरकार द्वारा सहकारी समितियों के लिए जारी पंजीकरण शुल्क लगाना भी सहकारिता की भावना एवं सहकारिता के सिद्धांतों के विरूद्ध है। सहकार भारती के उत्तर क्षेत्र संगठन प्रमुख ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 16 अक्टूबर तक सभी जिलाधिशो के माध्यम से मुख्यमंत्री भगवंत मान जी के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिस में अनुरोध किया जाएगा सहकारिता विभाग द्वारा जारी पत्र/अधिसूचना पर पुनर्विचार करें और इसे वापस लें।
पंजाब सरकार द्वारा सहकारिता क्षेत्र में सोसाइटियों की रजिस्ट्रेशन की फीस में की गई बे हिसाब बढ़ोत्तरी से सहकारिता के द्वारा गांव के किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए पैदा किया जा रहे रोजगार के अवसरों को रोकने का एक असफल प्रयास है। पंजाब सरकार का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण एवं कलंकित मन से लिया गया है।।