सतेन्द्र यादव : धर्म का व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व होता है जिन्ना का ईस्लाम से व नेहरू का हिन्दू धर्म से इसके सिवाय कोई मतलब नहीं था कि वो इनमें पैदा हुए 1940 के दशक में दोनों अपने-अपने धर्म के नेताओं के रूप में उभरे थे। फिर नरेन्द्र मोदी तो ठहरे जन्मजात सनातनी और एक ऐसे संगठन RSS के सदस्य रहे है जो इस विचार को प्रेषित करने के लिये पिछले लगभग 100 साल से प्रयास कर रहा है। पिछले दो चुनाव 2014 व 2019 में वोटों का जबरदस्त धार्मिक धु्रवीकरण हुआ है। अन्तर्राष्ट्रीय परिस्थितियाँ, अखलाख की घटना, मुजफ्फरनगर दंगे, सहारनपुर घटना, रोहिंग्याओं का मसला, लव जेहाद का मामला, पुलवामा आतंकी घटना, कश्मीर में आतंकवाद, कई विपक्षी पार्टियों का मुस्लिम कट्टर पंथियों की आलोचना न करना, सबसे धार्मिक ध्रुवीकरण ही हुआ है। पिछले दो चुनाव के दौरान सोशल मीडिया के लगभग हर व्यक्ति तक पहुँच ने इस काम को और आसान कर दिया है।
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