सामाजिक कार्यकर्त्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में केन्द्रीय क़ानून मंत्री सलमान खुर्शीद तथा उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद द्वारा संचालित ट्रस्ट डॉ ज़ाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा कथित तौर पर की गयी अनियमितताओं तथा गडबडियों के सम्बन्ध में दायर रिट याचिका में आज हाई कोर्ट ने “आज तक” न्यूज़ चैनल को आज दिनांक 18 अक्टूबर 2012 तक प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से इस मामले से सम्बंधित सभी दस्तावेज़ कोर्ट के सामने प्रस्तुत करने के आदेश दिये हैं. जस्टिस उमा नाथ सिंह और जस्टिस डॉ सतीश चंद्रा की बेंच ने इस चैनल को इस सम्बन्ध में दस्ती नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर 2012 को होगी. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चूँकि प्रार्थी ने अपनी ज्यादातर बातें इस चैनल में प्रकाशित खबरों के आधार पर कही हैं, अतः इस चैनल की बात सुना जाना भी आवश्यक है.
आज सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार के वकील विवेक तन्खा ने प्रार्थी पर बिना किसी प्रत्यक्ष साक्ष्य के याचिका करने, कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने और “आज तक” चैनल के प्रोक्सी (मुखौटा) के रूप में यह याचिका दायर करने का आरोप लगाते हुए याचिका खारिज करने की मांग की जबकि राज्य सरकार की अपर महाधिवक्ता बुलबुल घोदियाल ने कहा कि मामले में प्रदेश सरकार द्वारा तेजी से कार्यवाही हो रही है, अतः इसमें किसी रिट याचिका की जरूरत नहीं थी.
डॉ ठाकुर के अधिवक्ता अशोक पाण्डेय ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए मुद्दे पर बात करने और तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की. उन्होंने मुखौटा वाद होने की बात का भी कड़ा प्रतिवाद किया.
डॉ ठाकुर ने इस याचिका में निवेदन किया है कि इस ट्रस्ट द्वारा की गयी कथित गडबडियों, जालसाजी आदि के बारे में इतने साक्ष्य हैं कि इसमें उत्तर प्रदेश सरकार तथा जांचकर्ता एजेंसी ईओडब्ल्यू को तत्काल एफआईआर दर्ज कर अग्रिम विवेचना करनी चाहिए.