जालंधर – भारतीय शिक्षण मंडल (BSM) के 56वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में डीएवी यूनिवर्सिटी, जालंधर और भारतीय शिक्षण मंडल पंजाब प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम “भारतीय ज्ञान प्रणाली और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” विषय पर आधारित संगोष्ठी और प्रदर्शनी के रूप में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत डीएवी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा मुख्य अतिथियों के स्वागत के साथ हुई, जिनमें श्री बी.आर. शंकरानंद (अखिल भारतीय संगठन मंत्री, बीएसएम), श्री नरिंदर कुमार (प्रांत प्रचारक, पंजाब), प्रो. राजीव आहूजा (आईआईटी रोपड़ निदेशक एवं बीएसएम पंजाब अध्यक्ष) और डॉ. मनोज कुमार (कुलपति, डीएवी यूनिवर्सिटी) प्रमुख थे।
प्रदर्शनी में भारतीय ज्ञान की झलक
“भारतीय ज्ञान प्रणाली” पर आधारित प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने आयुर्वेदिक दवाओं, खाद्य एवं पेय पदार्थों, चार्ट और मॉडलों के माध्यम से परंपरागत ज्ञान और तकनीकों का प्रदर्शन किया। इस प्रयास को उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने विशेष रूप से सराहा।
शांति यज्ञ और उद्घाटन सत्र
विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने शांति और समृद्धि के लिए यज्ञ का आयोजन किया। इसके उपरांत ऑडिटोरियम में कार्यक्रम की दूसरी कड़ी शुरू हुई, जिसमें डीएवी गान और भारतीय शिक्षण मंडल का संगठन गीत प्रस्तुत किया गया।
मुख्य वक्ताओं के विचार
कार्यक्रम में श्री अशोक ठाकुर (सह मंत्री, बीएसएम पंजाब) ने उद्घाटन भाषण देते हुए भारतीय ज्ञान प्रणाली की महत्ता और एनईपी 2020 में इसकी भूमिका पर बल दिया।
आईआईटी रोपड़ के निदेशक डॉ. राजीव आहूजा ने AI और सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी जैसे विषयों की चर्चा करते हुए 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को रेखांकित किया। उन्होंने शोधकर्ताओं से पंजाब-केंद्रित परियोजनाएं प्रस्तुत करने का आह्वान किया।
प्रांत प्रचारक श्री नरिंदर कुमार ने भारतीय शिक्षण मंडल की दिशा और संकल्प पर बात की, वहीं मुख्य वक्ता श्री बी.आर. शंकरानंद ने भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा प्रस्तुत एकीकृत और मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रणाली के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने संकाय विकास, गुणवत्तापूर्ण शोध प्रकाशन और समाजोपयोगी अनुसंधान पर ज़ोर दिया।
कुलपति का धन्यवाद ज्ञापन और समापन
डीएवी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. मनोज कुमार ने सभी अतिथियों, संकाय और छात्रों को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने NEP 2020 के कार्यान्वयन में भारतीय ज्ञान प्रणाली को अपनाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम का समापन श्री विपिन जी द्वारा कल्याण मंत्र के साथ हुआ, जिसके बाद सभी ने समूह फोटो और सामूहिक भोज में भाग लिया।
उपस्थिति रही विशिष्ट
इस अवसर पर अन्य विशिष्ट अतिथियों में डॉ. भोला राम (निदेशक, NITTTR, चंडीगढ़), डॉ. मणिकांत पासवान (निदेशक, SLIET), डॉ. राजेश कुमार भाटिया (निदेशक, PEC चंडीगढ़), और डॉ. दिलीप कुमार (निदेशक, IIMC जम्मू) सहित अनेक शिक्षाविद और BSM के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
यह आयोजन भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्स्थापित करने और उसे वर्तमान शिक्षा प्रणाली में एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।