धरती गर्म होती जा रही है, और इंसानी अस्तित्व को बचाने के लिए अब नज़रें मंगल ग्रह पर टिकी हैं। एलन मस्क अगले दशक में मनुष्यों को मंगल पर उतारने की योजना बना रहे हैं, और NASA भी लाल ग्रह पर कॉलोनी बसाने का सपना देख रहा है। लेकिन जब वह दिन आएगा, तो वह कौन लोग होंगे जो धरती से लाखों किलोमीटर दूर इस अनजान दुनिया की ओर भेजे जाएंगे?
इस सवाल का एक संभावित उत्तर है – एलिसा कार्सन।
23 (अब 24) वर्षीय एलिसा कार्सन, अमेरिका के लुसियाना के बैटन रूज में रहती हैं और उन्हें दुनिया की पहली मंगल यात्री बनने का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। NASA की ट्रेनिंग में शामिल एलिसा का कॉलसाइन है – ‘NASA Blueberry’ और वर्तमान में वह एस्ट्रोबायोलॉजी में पीएचडी कर रही हैं।
जिस उम्र में बच्चे अपने भविष्य की ठीक से कल्पना नहीं कर पाते, एलिसा ने महज 3 साल की उम्र में अंतरिक्ष में जाने का सपना देख लिया था। ‘The Backyardigans’ जैसे कार्टून और अपने पिता बर्ट कार्सन की कहानियों ने उन्हें प्रेरित किया। उनका कमरा किसी छोटे अंतरिक्ष स्टेशन जैसा सजाया गया था — दीवारों पर चाँद-सितारे और ज़मीन पर रॉकेट।
एलिसा का कहना है कि अंतरिक्ष यात्री बनना उनके लिए एक पेशा नहीं, बल्कि जुनून है। 15 वर्ष की उम्र में उन्होंने वैज्ञानिक शोध शुरू कर दिए थे और अंतरिक्ष संबंधी प्रोजेक्ट्स में भाग लेना शुरू किया।
मंगल मिशन की ट्रेनिंग बेहद कठोर है। वहां पहुंचने में महीनों लग सकते हैं और वहां रहना आसान नहीं होगा। वैज्ञानिक आज भी शोध कर रहे हैं कि मंगल की सतह पर मनुष्य लंबे समय तक कैसे जीवित रह सकता है — खाद्य आपूर्ति, मांसपेशियों और हड्डियों पर पड़ने वाले प्रभाव, कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण, और प्लाज्मा प्रणोदन जैसी तकनीकों को विकसित किया जा रहा है।
एलिसा जानती हैं कि यह यात्रा जीवनभर का सपना तो है, पर शायद वापसी की कोई संभावना न हो। फिर भी वे इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
एलिसा का सपना मंगल तक सीमित नहीं है। वे कहती हैं, “मुझे पूरा विश्वास है कि हम मंगल के बाद अन्य ग्रहों की भी खोज करेंगे। अंतरिक्ष पर्यटन इसका पहला कदम है — और मेरा सपना है कि एक दिन हर इंसान को अंतरिक्ष की यात्रा का अवसर मिले।”