यह एक ऐसा रोग है। जो कि युवकों के साहस तथा सौंदर्य दोनों को नष्ट कर देता है। आज हजारों युवक इसी रोग के कारण बुड्ढों के समान दिखाई देते हैं। यह रोग लगभग पैतृक ही होता है किंतु कई बार प्रतिश्याय बिगड़ जाने, हानिकर वस्तुओं के सेवन करने, अधिक मैथुन करने, अधिक चिंता व मानसिक दुर्बलता आदि कारणों से भी समय से पहले बाल सफेद हो जाते हैं। अधिकतर धीरे-धीरे कुछ वर्षों में बाल सफेद होते हैं किंतु कुछ उदाहरण ऐसे भी मिले हैं कि केवल एक मास, सप्ताह, वरन एक ही रात में बाल सफेद हो गये। आजकल हम अनियमित जीवन जी रहे हैं। इसी कारण पूर्ण युवावस्था में ही बाल सफेद हो जाते हैं। निस्संदेह ही हमारे यौवन का कलंक है।
इस रोग को मिटाने वाले अर्थात सफेद बालों को पुनः काले और सुंदर बनाने वाले अति सरल और सस्ते प्रयोग लिख रहे हैं। जिनसे आप अपना खोया हुआ सौंदर्य पुनः प्राप्त कर सकते हैं किंतु यह ध्यान रहे कि इस रोग में पथ्य बड़ा ही आवश्यक है। यदि आप पथ्य सहित इन प्रयोगों को प्रयोग करेंगे तो पूर्ण लाभ होगा। बालों को काला करने के लिए या चिरकाल तक स्थिर रखने के लिए निम्न पदार्थों का सेवन कम से कम किया जाना चाहिए, विशेषकर वे लोग जो कि प्रायः नजला, जुकाम से पीड़ित रहते हैं। दही, छाछ,दूध, आचार तथा खट्टी वस्तुएं इनके अतिरिक्त अधिक मैथुन करना भी एक ऐसा रोग है जिससे मनुष्य कुछ ही वर्षों में बूढ़ों के समान हो जाते हैं। अतः अधिक मैथुन से सदैव बच कर रहना चाहिए।
1 :- इंद्रायण (गुडुम्बा) के बीज आवश्यकतानुसार लेकर उनको 7 बार हरे आंवलों के रस की भावना दें फिर उसका कोल्हू द्वारा तैल निकलवा लें और शीशी में सुरक्षित रखें। सवेरे दो या तीन बूंद नाकों में लगाएं। यह तैल बालों को सफेद होने से रोकता है और सफेद हुए बालों को पुनः काला बना देता है। नजला, जुकाम के लिए भी अत्यधिक लाभकारी है।
2 :- बबूल (कीकर) की फलियां 4 किलो उस समय लें, जबकि उसमें भली-भांति रस पड़ चुका हो किंतु उनके बीज कड़े न हुए हों, इन फलियों को मटके में डालकर 20 किलो पानी व आधा सेर लौह चूर्ण डाल दें। पूरे 20 दिन तक धूप में रखा रहने दें किंतु हर तीसरे दिन कीकर की लकड़ी से हिला दिया करें। 21 वें दिन ऊपर से पानी निथारकर बोतलों में भर लें। बस यही अर्क है।
रोजाना सवेरे इस अर्क में से 70 ग्राम अर्क लेकर सेवन करें। चाहे सारे ही बाल क्यों न सफेद हो चुके हों, कुछ ही दिनों के सेवन से पुनः काले हो जाएंगे। इसके अतिरिक्त यह अर्क लीवर की निर्बलता, प्रमेह व शीघ्रपतन आदि के लिए भी बहुत ताकतवर दवाई है।
3 :- आंवले कूटकर रात को मिट्टी के बर्तन में भिगो दें और सवेरे निथार कर उसी पानी से सिर धो लिया करें। इसके बाद कच्ची घानी का सरसों का तैल बालों में लगाया करें। ऐसा करने से बाल सफेद नहीं होंगे।
4 :- छिलका हटाकर साफ की हुई मालकांगनी की गिरी इच्छा अनुसार लेकर एक बोतल में बंद करके सुदृढ़ कारक लगा कर रख लें। पहले दिन 3 दाने साबुत ही पानी के साथ निगल जावें, इसी प्रकार दूसरे दिन चार, तीसरे दिन पांच और एक-एक करके प्रतिदिन बढ़ाते बढ़ाते तेरह दाने तक पहुंचा दें फिर रोजाना 13 दाने ही सेवन करते रहें। इस प्रकार निरंतर 1 वर्ष तक सेवन करने से आपको स्वयं लाभ दिखाई दे जाएगा। इसे आप चमत्कार मानेंगे।
सावधानी:- औषधि के साथ परहेज रखना बहुत जरूरी है। गेहूं या बेसन की रोटी, मूंग, मोठ अथवा चने की दाल तथा मेथी का शाक सेवन करें। घी प्रत्येक वस्तु में खूब मिलाकर खाना चाहिए। मिठाई खाने की तीव्र इच्छा हो तो जलेबी या खांड का अधिक घी वाला हलवा भी खा सकते हैं। इसके अतिरिक्त मैथुन बिल्कुल नहीं करना चाहिए अन्यथा सारा परिश्रम बेकार हो जाएगा।
5 :- आवश्यकतानुसार आंवले लेकर किसी चीनी के पात्र में डालें और ऊपर से भांगरा बूटी का रस इतना डालें कि आंवले उसमें डूब जाए। इस प्रकार 7 भावना दें और फिर सूखने पर बारीक चूर्ण बनाकर शीशी में रख लें। इसमें से 3 ग्राम चूर्ण प्रतिदिन ताजा पानी से सेवन करते रहें। कुछ ही दिनों में बिल्कुल सफेद बाल भी काले हो जाएंगे और फिर आयु पर्यंत सफेद नहीं होंगे।
नोट – दवा सेवन से पहले अपने वैद्य की सलाह लेकर निरोग बनें।
आयुर्वेद महाविद्या::
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