गर्मी के मौसम में ठंडे फ़ीज़ का पानी बिल्कुल ना पियें । ठंडे पानी के सेवन से कब्ज की समस्या उत्पन होती है जिसकी वजह से दूसरे कई प्रकार के रोग उत्पन होते है। पेट मे जमा कचरा , जठरांगनी मंद होना , ह्रदय आघात , टॉन्सिल , जोड़ो का दर्द ,बदन दर्द , गुटनो का दर्द ये सब की शुरुआत फ़्रिज के ठंडे पानी का सेवन करने से ही उत्पन होती है। और इन बीमाइयो से दूसरी कई बीमारिया भी उत्पन होती है। इसी लिए अब गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है तो सभी से अनुरोध है कि अपने स्वास्थ्य की देख भाल स्वयं करे। आपकी लापरवाही आपको डॉ की सीढ़ियां चढ़ाने पर मजबूर कर सकती है। स्वास्थ्य सही और दिरगायु जीवन जीना है तो मटके का पानी ही ग्रहण करे।
आईये जानते है मिट्टी के बने मटके का पानी हमारे स्वास्थ्य के लिये कैसे उपयोगी है ??
घड़े (मटके) का पानी, पिएंगे तो पाएंगे 5 लाभ
गर्मी के दिन शुरु होते ही मिट्टी के घड़े यानि मटके की मांग शुरु होती है। गर्मी में मटके का पानी जितना ठंडा और सुकूनदायक लगता है, स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही फायदेमंद भी होता है। अगर आप नहीं जानते तो जरूर जान लीजिए मटके का पानी पीने के फायदे –
मिट्टी के घड़े का पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद है। इसका तापमान सामान्य से थोड़ा ही कम होता है जो ठंडक तो देता ही है, चयापचय या पाचन की क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे पीने से शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर भी बढ़ता है।
इसमें मृदा के गुण भी होते हैं जो पानी की अशुद्धियों को दूर करते हैं और लाभकारी मिनरल्स प्रदान करते हैं। शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त कर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहती बनाने में यह पानी फायदेमंद होता है।
15 लीटर के मटके में 1 चुटकी गौमय भस्म मिला देने से ये पानी और भी औषदि से पूर्ण हो जाता है जो स्वास्थ्य के लिये उपयोगी और गुणकारी है।
इसे पीने से कब्ज, जठरांगनी का मंद होना , हृदयाघात , जोड़ो का दर्द , शरीर मे अकड़न , वायु की समस्या इत्यादि बीमारियों से बचा जा सकता है। और गला खराब , टॉन्सिल होने जसी समस्याएं नहीं होती। इसके अलावा यह सही मायने में शरीर को ठंडक देता है।
इस पानी का पीएच संतुलन सही होता है। मिट्टी के क्षारीय तत्व और पानी के तत्व मिलकर उचित पीएच बेलेंस बनाते हैं जो शरीर को किसी भी तरह की हानि से बचाते हैं और संतुलन बिगड़ने नहीं देते।
मटके का पानी प्राकृतिक तौर पर ठंडा होता है। जबकि फ्रिज का पानी इलेक्ट्रिसिटी की मदद से और जहरीले गैस की मदद से ठंडा होता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
मटके का पानी प्राकृतिक है और मिट्टी में पंचतत्व का समाविष्ट भी होता है । वो पांच तत्व जिससे हमारे शरीर की रचना ओर निर्माण हुआ है। इसी लिए मिट्टी का गढ़ा हमारे शरीर के लिए अनुकूल भी है। और मटके बनाने वाले कुम्हार को भी इसीकी बिक्री से लाभ होगा। ओर हम स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ की नीति में एक अहम भूमिका निभा सकते है और आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ सकते है। इसी लिए गर्मी में फ्रीज का त्याग करे ओर मिट्टी के मटके का पानी ही ग्रहण करे।
*हमारी संस्कृति हमारी विरासत*