IC-814 अपहरण और पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड भी मारे गए
नई दिल्ली, 12 मई 2025 — भारतीय सेना ने एक सटीक और योजनाबद्ध सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया है। इनमें IC-814 विमान अपहरण (1999) और पुलवामा आत्मघाती हमला (2019) के मुख्य साजिशकर्ता भी शामिल हैं। यह जानकारी सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने आज नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
आतंकवादियों को मिली कड़ी सजा
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की योजना 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बनाई गई थी। उन्होंने कहा:
“इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंक के साजिशकर्ताओं को दंडित करना और उनके ठिकानों को पूरी तरह खत्म करना था। भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करता।”
हाई-प्रोफाइल आतंकियों का अंत
ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों में शामिल हैं:
- यूसुफ अजहर – IC-814 अपहरण का मास्टरमाइंड
- अब्दुल मलिक रऊफ – पुलवामा हमले का योजनाकार
- मुदस्सिर अहमद – कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकी नेटवर्क का प्रमुख
वायुसेना और नौसेना की संयुक्त भूमिका
घई ने बताया कि ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना और नौसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:
- वायुसेना ने 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए
- नौसेना ने अत्याधुनिक हथियार और तकनीकी सहायता प्रदान की
- पूरे अभियान के दौरान वायुसेना ने हवाई प्रभुत्व बनाए रखा
पाकिस्तान की असंतुलित प्रतिक्रिया
DGMO के अनुसार, ऑपरेशन के जवाब में पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर संघर्षविराम का उल्लंघन किया और नागरिक इलाकों व धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया, जिससे कई निर्दोष लोगों की जानें गईं।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तानी ठिकानों का पहले से खाली किया जाना यह दर्शाता है कि वे भारतीय कार्रवाई से भयभीत थे।”
उद्देश्य: आतंकवाद का खात्मा, संख्या नहीं
DGMO ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद केवल आतंकियों की संख्या गिनना नहीं, बल्कि आतंकी नेटवर्क की रीढ़ तोड़ना था। सरकार ने पाकिस्तानी हताहतों की आधिकारिक संख्या जारी नहीं की है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब तक का एक रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक दोनों स्तरों पर प्रभावशाली सैन्य कदम माना जा रहा है, जो भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।