इस वर्ष दीपावली का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया। रौशनी और खुशियों के इस पर्व ने हर ओर एक विशेष चमक बिखेरी। परिवारों ने एकत्र होकर मिठाइयों का आनंद लिया और दीपों की सजावट की। अयोध्या, भगवान राम की जन्मभूमि, इस वर्ष दीपावली के अवसर पर एक बार फिर से रौशनी और भक्ति का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। दीपावली के दिन, शहर में लाखों दीये जलाए गए, जिससे पूरा शहर एक अद्भुत रोशनी में जगमगा उठा।
इस बार अयोध्या में “दीपोत्सव” कार्यक्रम का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। अयोध्या में आज 500 साल बाद राम वाली दिवाली मनाई गई , अपने आराध्य के स्वागत में रामनगरी को सजाया गया, बतादें मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ये पहली दीपावली थी , इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने भी भाग लिया और दीप जलाकर राम के स्वागत का प्रतीक पेश किया। राम की वापसी के इस पावन अवसर पर, श्रद्धालुओं ने राम मंदिर से लेकर सरयू नदी तक दीयों की लाइन लगाई, जिससे आस्था और उल्लास का अद्भुत माहौल बना।
इस खास अवसर पर, शहीदों की याद में एक दीया जलाने की परंपरा भी निभाई गई। विभिन्न संगठनों और स्थानीय समितियों ने मिलकर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए। लोगों ने एक दीये के माध्यम से अपने देश के वीर जवानों को याद किया और उनके बलिदान को नमन किया । पंजाब विश्व विद्यालय के महिला छात्रावास नंबर 6 की छात्राओं ने भी वार्डन के साथ मिलकर माँ भारती पर मर मिटने वालों को याद करते हुए दीप जलाए ।
इस दिन, बाजारों में रौनक बढ़ गई, और लोग नए कपड़े पहनकर, मिठाइयों और पटाखों का आनंद लेते नजर आए। बच्चों ने खासतौर पर पटाखों से आसमान को रोशन किया, जबकि बड़े लोग शांति और समृद्धि की कामना करते हुए एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं देते रहे।
सभी ने मिलकर इस पर्व को एक विशेष रूप दिया, जो न केवल रोशनी और आनंद का प्रतीक है, बल्कि शहीदों के प्रति सम्मान का भी संदेश देता है। दीपावली का यह पर्व न केवल एक उत्सव है, बल्कि हमारे राष्ट्र के प्रति कृतज्ञता और एकता का भी प्रतीक है।