भारतीय शिक्षण मंडल केंद्र सरकार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पारित करने हेतु बधाई देता है। भारतीय शिक्षण मंडल राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर 1974 से कार्यरत है। देश के लिए एकात्म एवं समग्र शिक्षा नीति को रेखांकित करते हुए एक व्यापक प्रारूप बनाया गया। जनवरी 2014 से यह प्रारूप अंग्रेजी एवं सात अन्य भारतीय भाषाओं में देशभर में प्रसारित किया गया। 450 से अधिक जिलों में इसपर चर्चा और विमर्श हुआ तथा जमीनी स्तर पर दो वर्षों में 4 लाख से अधिक लोगों से सुझाव, जानकारी और प्रतिक्रिया एकत्रित की गई। भारतीय शिक्षण मंडल ने यह सुधारित प्रारूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति समिति के समक्ष प्रस्तुत किया।
इन सुझावों पर सकारात्मक रूप से विचार करने के लिए हम माननीय डॉ. के. कस्तूरीरांगन की अध्यक्षता में बनी विद्वत समिति के आभारी हैं। लगभग 60% सुझावों को किसी न किसी रूप में आज घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थान प्राप्त होना वास्तव में स्तुत्य है। शिक्षा के समग्र दृष्टि परिवर्तन के संदर्भ में नीति की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नानुसार हैं:
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम पुनः शिक्षा मंत्रालय करना।
- राष्ट्रीय शिक्षा आयोग का गठन।
- राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान (National Research Foundation) का निर्माण।
- शालेय शिक्षा में लचीलापन।
नीति के मूल प्रारूप का अध्ययन करने पर ही विस्तृत टिप्पणी दी जाएगी।
भारतीय शिक्षण मंडल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन हेतु 19 करणीय बिन्दुओं (संलग्न) को संग्रहित किया है।