अम्बा दत्त तिवारी : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के एक बहुत बड़े फैसले के बाद आज पंजाब के किसान और विपक्ष दल के नेता बहुत खुश हो रहे हैं वह इसे किसानों की जीत बता रहे हैं आज मोदी जी ने जो फैसला लिया वह किन कारणों से भी लियायह केवल सुरक्षा एजेंसी एवं मोदी जी ही जानते हैं जो दिन इन कृषि कानूनों को ख़तम करने के लिए चुना वह भी एक ऐतिहासिक दिन है आज देव दीपावली एवं गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव है,
परंतु एक बात तो सत्य है जो किसान धरने प्रदर्शन कर रहे थेउन्हें यही लग रहा हैकि उनके धरने प्रदर्शन के कारण माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपना निर्णय बदला और यह भी हम सभी जानते हैं किस प्रकार से मोदी के विरोधी राजनीतिक दलकृषि कानून के नाम पर मोदी जी का विरोध कर रहे थे आज वह भी खुश हो रहे हैंऔर इसे किसानों की जीत बता रहे हैं
इन सब के बाद अब यह प्रश्न उठता है कि जिस प्रकार से अमीर किसान और गरीब किसान मिलकर प्रदर्शन कर रहे थे क्या वह आगे भी इसी प्रकार से मिलकर देश की उन्नति के लिए कृषि कार्यों में लगेंगे या फिर पहले की तरह छोटे किसानों को दबाया जाएगा या फिर अमीर किसान सरकार की सब्सिडी का लाभ लेना बंद कर देंगे और फिर उस लाभ को ,गरीब किसानों में बांट देंगे क्या यह होगा अब यह एक प्रश्न चिन्ह है अधिकतर पंजाब ,उत्तरप्रदेश और हरियाणा के गांव मेंजो कुछ ऐसी घटनाएं घटित होती थी जिसे जातिगत बना दिया जाता था क्या वह अब बंद हो जाएंगी या अब फिर वही होगा जो अमीर किसान और गरीब किसान के बीच चलता आया है
अध्ययन करने से पता चलता है कि जिन भी लोगो के साथ गावं में लड़ाई होती थीवह सभी भी किसान ही होते थे जिनके साथ यह घटनाएं घटित हुई अब यह भी प्रश्न उठता है की क्या जिस प्रकार से तीनों किसी कानूनों के विरोध में सभी जाती धर्म भूल कर एक साथ जैसा गुरु महाराज जी ने उपदेश दिया था कि हम सब एक हैं और सब किसान भी एक होकर प्रदर्शन कर रहे थे अब जब यह तीन कानून रद्द हो चुके हैं क्या वह अपने गांव में उसी प्रकार सद्भाव से रह कर गांव में विकास कर पाएंगे अगर ऐसा हो गया तो सच में एक बहुत बड़ी जीत होगी और तीन कृषि कानून एक वरदान बनकर सामने आएंगे चाहे वह रद भी हो जाएँ क्योंकि जब भी हम पंजाब में देखते हैं आज भी जातिगत मामले सामने आते रहते हैं उनके जो भी कारण हो अगर आप उन्हें गहन अध्ययन करें वह जमीन से ही जुड़े होते हैं अच्छा हो अगर आज के बाद वह सभी किसान चाहे वह किसी भी जाति और धर्म के हो वह केवल और केवल खाद्यान्नों को अधिक से अधिक उपजाने का कार्य करें
तब अवश्य ही हमारे देश की दिशा और दशा बदल जाएगी आपस में भाईचारा होगा कोई भी गांव में दलित के नाम पर राजनीति ना हो पाएगी इस से अनेकों फायदे होंगे हमारे देश में अधिकतर राजनीतिक दल इन्हीं जाति और धर्म का फायदा उठाकर आपस में लोगों को उलझाए रखते हैं,
आज जिस प्रकार किसानों ने एकता दिखाई चाहे वह मोदी के विरोध में परंतु एकता देखी अच्छा लगा और भी अच्छा हो जब आज तीन कृषि कानून रद्द होने के बाद भी वह एकता बरकरार रहे देश में अमन शांति हो किसी भी राज्य में जातिगत धर्म के दंगे ना हो अगर यह हो पाया तो यह वास्तव में किसानों की भी जीत होगी और मोदी जी की जीत होगी