बबिता देवी साहू : फाइबर का खाने में क्या महत्व है, इस पर हम आमतौर पर ध्यान नहीं देते, जबकि यह हमारे लिए बेहद जरूरी है। यह हमारे पाचन तंत्र को तो दुरुस्त रखता ही है, हमें अनेक बीमारियों से भी बचाता है। फाइबर के फायदों के बारे में बता रही हैं श्री मति बबिता देवी साहू
भोजन पौष्टिक हो यह तो जरूरी है ही, वह फाइबर से युक्त हो, यह भी बहुत जरूरी है। इससे हमारा पाचन तंत्र ठीक रहता है और शरीर भी ठीक तरह से काम करता है। फाइबर हम सभी के लिए जरूरी है। इसकी मात्रा उम्र पर निर्भर करती है। 50 साल तक की उम्र की महिलाओं के लिए रोजाना लगभग 25 ग्राम और इसी उम्र के पुरुषों के लिए 38 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है। 50 साल से अधिक आयु वर्ग की महिलाओं के लिए लगभग 21 ग्राम और पुरुषों के लिए 30 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। यह जरूरत उम्र और लिंग के अनुसार बदलती रहती है।
क्यों जरूरी है फाइबर
खाने को पचने में सहायता करता है, कब्ज से बचाता है और पेट साफ करने में मदद करता है।
शरीर के अंदर दूषित पदार्थों को भोजन से दूर करता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और दिल की बीमारी के खतरे को रोकता है।
रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है।
शरीर का भार नियंत्रित करने में सहायक होता है।
खाने की मात्रा बढ़ाता है और बिना कैलोरी बढ़ाए पेट भरता है।
आपको अनेक बीमारियों से बचाता है
हम जानते हैं कि डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां भारत में तेजी से फैल रही हैं। अपना खान-पान ठीक कर हम इनसे काफी हद तक बचाव कर सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश में मधुमेह, हृदय रोग तथा कैंसर जैसी बीमारियां सही खान-पान न होने के कारण तेजी से पांव पसार रही हैं, जबकि इन बीमारियों से बचना मुश्किल काम नहीं है।
शरीर की कार्य प्रणाली को सुधारता है
डायटीशियन डॉं. कार्तिक. प्रद्युम्न एवं डॉ देवानंदनी कुमारी ने बताया कि फाइबर शरीर की कार्य-प्रणाली को सुचारु रूप से चलाने में सहायक होता है, इसलिए हमारे शरीर को इसकी बेहद जरूरत होती है। शरीर के लिए जरूरी फाइबर की पूर्ति न होने से अनेक बीमारियां शरीर को जकड़ने लगती हैं, इसलिए हमें अपने भोजन में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को जगह देनी चाहिए। इसी तरह से डॉं. एन. के. शर्मा बताते हैं कि इसे भोजन में शामिल करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है तथा यह हमारी पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखने में मददगार साबित होता है।
किन-किन पदार्थों में पाया जाता है
फाइबर चोकर सहित गेहूं के आटे, हरी पत्तेदार सब्जियों, सेब, पपीता, अंगूर, खीरा, टमाटर, प्याज, छिलके वाली दालों, सलाद, शकरकंद, ईसबगोल की भूसी, दलिया, बेसन और सूजी जैसे खाद्य पदार्थो में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यदि हम इन्हें अपने भोजन का जरूरी हिस्सा बना लें तो शरीर में फाइबर की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।
फाइबर के फायदे
फाइबर खाद्य पदार्थों के छिलकों और उनके रेशों में पाया जाने वाला उपयोगी तत्व है। वास्तव में यह एक न हजम होने वाला खाने का हिस्सा होता है, लेकिन यह हमारे शरीर के लिए बेहद उपयोगी होता है। इसे रफेज के नाम से भी जाना जाता है। यह पाचन क्रिया को बढ़ाता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी विकसित करता है। फाइबर दो तरह के होते हैं, एक पानी में घुलनशील फाइबर और दूसरा पानी में न घुलने वाला। जो फाइबर पानी में घुल जाते हैं, वे हैं हरी सब्जियां, जड़वाली सब्जियां, मक्का, गेहूं आदि। इसी तरह सेब, संतरा, ओट्स, बीन्स तथा स्प्राउट्स पानी में न घुलने वाले फाइबर हैं।
फाइबर की कमी से होने वाली बीमारियां
फाइबर की उचित मात्रा न मिल पाने से शरीर मोटापे का शिकार हो जाता है। मुंह में छाले हो जाना आम बात है। कब्ज, गैस, पेट से संबंधित अन्य बीमारियां जैसे अल्सर आदि से जूझना पड़ सकता है। इसके अलावा आंतों का कैंसर, बवासीर, दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं। कमी की पूर्ति कैसे करें
अपने नाश्ते में ओट्स, केला और दलिया शामिल करें। दिन में भूख लगने पर स्नैक्स की जगह फ्रूट्स के स्नैक्स को प्राथमिकता दें। इस तरह रात के खाने में छिलके वाली दालें, सलाद और फलों को चुनें। फल या सब्जी का जूस लेने के बजाए उसे साबूत ही खाएं तो ज्यादा अच्छा है।