विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को एक बयान में कहा कि एमपॉक्स वैश्विक स्वास्थ्य संकट बना हुआ है या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए अगले सप्ताह अपनी आपातकालीन समिति की बैठक बुलाएगा।
दरअसल, अगस्त में अफ्रीका में फैल रही इस बीमारी को संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य निकाय ने अंतरराष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में वर्गीकृत किया था, जो कि दुनिया के लिए चेतावनी है। यह महाद्वीप के कुछ हिस्सों में क्लेड इब नामक वायरस के एक नए प्रकार के प्रसार के बाद हुआ।
डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि इस साल 3 नवंबर तक अफ्रीका में 46,794 पुष्ट और संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जिनमें 1,081 मौतें शामिल हैं। इसने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित देश कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य है, उसके बाद बुरुंडी और युगांडा हैं।
बता दें कि एमपॉक्स निकट संपर्क के माध्यम से फैल सकता है। आमतौर पर गंभीर नहीं है, लेकिन कई मामले दुर्लभ और घातक होते हैं। यह फ्लू जैसे लक्षण और शरीर पर भरे घाव पैदा करता है। सबसे अधिक प्रभावित 9 अफ्रीकी देशों के लिए इस महीने शुरुआती वैक्सीन खुराक आवंटित की गई थी।
एमपॉक्स क्या है?
एमपॉक्स (जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था) मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाली बीमारी है। इससे समान्य रूप से हल्की बीमारी के साथ त्वचा पर चकत्ते (रैश) पैदा होते हैं। अधिकांश रूप से यह किसी एमपॉक्स-संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक शारीरिक या अंतरंग (त्वचा से त्वचा) संपर्क के माध्यम से फैलती है। अधिकाँश लोग कुछ ही सप्ताहों में ठीक हो जाते हैं।
एमपॉक्स कैसे फैलता है
एमपॉक्स लोगों के बीच आसानी से नहीं फैलता है। यह सामान्य रूप से किसी एमपॉक्स-संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक शारीरिक या अंतरंग संपर्क के माध्यम से फैलता है, विशेषकर यदि उनकी त्वचा पर चकत्ते,चीरे, घाव या पपड़ियाँ हो।
यह संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए गए कपड़ों या वस्तुओं (बिस्तर या तौलियों) के संपर्क में आने और सांस की बूंदों (खांसी और छींक) के माध्यम से भी फैल सकता है। यह आकस्मिक संपर्क के माध्यम से नहीं फैलता है।
लोग उस समय से संक्रामक होते हैं जब उनमें सबसे पहले लक्षण विकसित होते हैं और वे तब तक संक्रामक रहते हैं, जब तक कि सभी घावों की पपड़ियाँ सूखकर गिर नहीं जाती हैं और नीचे त्वचा की नई परत नहीं बनने लगती है।