चंडीगढ़: विक्रमा शर्मा : सोहनी सिटी चंडीगढ़ दी सोहनी सलोनी कुड़ी और मिलट्री परिवार की वान्या मिश्र ने फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड 2012 का ताज जीत कर अपनी काबलियत और सुन्दरता का लोहा मनवाया ! वान्या की पिता के देहांत हो चूका है पर माता मिसेज मिश्र ने वान्या को मिस रोज चंडीगढ़ का महज 11साल की उम्र में ताज पहन वाया था ! बस तब से वान्या इसी राह की सम्मत बढती गई और चंडीगढ़ उस ही नहीं देश उ पर नाज कर रहा है!
वान्या का अगला लक्ष्य अब सिर्फ वर्ल्ड क्राउन भारत के सर सजाना है! बतौर इक सेलेब्रेटी वान्या खुश जरुर है पर अभि संतुष्ट नहीं है ! मिस इंडिया वोर्ल्स बनने के प्रति शुरू से आशावान रही वान्या आखिर तक खुद को ताज का असली और पात्र मानती रही!
यूँ तो इन प्रतियोगिताओं में शुरू से ही साधना रत होकर संतुलित आहार आचार विचार वाक्पटुता पेशगी और हाजिर जवाबी नालेज रखना जरूरी है! पर अंतिम चरण तक वान्या ने कड़ी मेहनत और साधना को छोड़ना मुनासिब ना समझा! वान्या पीस फुल सिटी स्थित पंजाब इंजीनियरिंग कालेज सेक्टर बढ़ में तीसरे वर्ष की छात्रा है ने जीवन का फंदा यही बना रखा है कि सोच होई मंजिल तक ले जाती है पर सोच सकारात्मक ही होनी चाहिए! अपने अंदर जगब का हौंसला उम्मीद और लक्ष्य भेदन कि निष्ठां होनी चाहिए!
ताज जीतने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी। वैसे तो, मैंने शुरुआत से ही बहुत मेहनत की थी, लेकिन पिछले 30 दिन में बेहद कड़ी मेहनत करनी पड़ी। की है। खासकर इस दौरान हमारी डाइट बहुत स्ट्रिक्ट थी। हमें शुगर बिल्कुल नहीं दिया जाता था। साथ ही, हमें सभी सेशन में बेहद पंक्चुअल रहना पड़ता। कॉम्पिटीशन की वजह से मुझे काफी टाइम तक घर से दूर रहना पड़ा। हालांकि मैंने घरवालों को इतना मिस नहीं किया, क्योंकि मैं लगातार फोन पर उनके टच में रही। मेरे घरवालों को पता था कि यहां एक हेल्दी कॉम्पिटीशन चल रहा है। इसलिए उन्होंने मुझे पूरा सपोर्ट किया और मैंने भी अपने भीतर नेगेटिविटी की फीलिंग नहीं आने दी।
भले ही वान्या मिस इंडिया वर्ल्ड के सिहांसन पर काबिज हैं पर उनकी मंजिल दूर है पर उनकी सोच लग्न और लक्ष्य के प्रति जुझारू पन बेमिसाल का है ! सब के शुभकामना वान्या के साथ हैं कि वह शीघ्र ही मिस वर्ल्ड का ताज देश कि झोली में डाले!