डॉ0 जटाशंकर तिवारी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने निर्देश दिया है कि उद्यमियों व व्यापारियों के विरुद्ध किसी शिकायत पर प्रारंभिक जांच के बाद ही एफआईआर दर्ज की जाए। (दैनिक जागरण से)
बंधुओं ! यह एक ऐसा वरदान है जिससे प्रदेश के सभी व्यापारी व उद्यमी बहुत बड़ी राहत का अनुभव करेंगे। उनकी तरफ से मा0 योगी जी को कोटि-कोटि धन्यवाद।
आदरणीय मुख्यमंत्री जी ! आपसे एक और निवेदन है कि आप प्रदेश की जनता को एक और दूसरे भयंकर व कष्टप्रद एससी-एसटी कानून के अंतर्गत भी FIR लिखने के पहले ऐसी ही प्रारंभिक जांच किए जाने का आदेश दे दें। यदि आप किसी वाध्यता-वश ऐसा नहीं कर पावें तो इतना तो अवश्य ही कर दें कि एससी-एसटी कानून के अंतर्गत FIR लिखे जाने के पहले वहाँ के ‘पुलिस अधीक्षक’ या किसी बड़े अधिकारी की स्वीकृति अवश्य लेनी पड़े। ‘पुलिस अधीक्षक’ स्व-विवेक से अथवा अन्य किसी भी अपने तरीके से FIR की औचित्यता को परख लेंगे। इससे प्रदेश की जनता को बहुत ही शांति मिलेगी। इसे भी आप द्वारा प्रदत्त दूसरा वरदान समझा जाएगा। इससे भुक्त-भोगी को न्याय दिलाने में भी कोई व्यवधान नहीं आएगा और बिना किसी गलती के किसी व्यक्ति को इस कानून में फँसने से भी बचाया जा सकेगा। उम्मीद है कि आप जनता के इस कष्ट पर भी अवश्य थोड़ा सा ध्यान देंगे। भगवान आपका भला करें।