नागपुर, 07 जून — राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि देश की सुरक्षा केवल सेना और शासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। वे नागपुर में आयोजित ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय’ के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
भागवत ने कहा, “हमें अपनी सुरक्षा के मामले में ‘स्व’ निर्भर होना चाहिए। पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले के बाद की गई कार्रवाई से स्पष्ट हुआ है कि भारत की रक्षा और अनुसंधान क्षमताएं मजबूत हुई हैं। साथ ही, शासन-प्रशासन की दृढ़ता और समाज की एकजुटता भी देखने को मिली है।”
एकता में शक्ति: समाज को बनाना होगा भागीदार
सरसंघचालक जी ने देश में एकता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि राजनीतिक मतभेदों को भूलाकर जब समाज एक साथ खड़ा होता है, तो राष्ट्रीय संकटों का सामना आसानी से किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “हमारा देश विविधताओं से भरा है, लेकिन विविधता में एकता ही भारत की आत्मा है।”
उन्होंने आगाह किया कि आज भी द्वि-राष्ट्रवाद की मानसिकता, आतंकवाद, और साइबर वॉर के ज़रिए भारत को अस्थिर करने के प्रयास जारी हैं। ऐसे में सुरक्षा के हर पहलू में आत्मनिर्भरता और समाज शक्ति का सहयोग आवश्यक है।
धर्मांतरण और नक्सलवाद पर कड़ा रुख
धार्मिक बदलाव पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जबरदस्ती, प्रलोभन या धोखे से किया गया धर्मांतरण गलत है। ऐसे लोग यदि अपने पूर्व धर्म में लौटना चाहें, तो उसका स्वागत होना चाहिए।”
समारोह के प्रमुख अतिथि और सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद नेताम ने कहा कि नक्सलवाद और मतांतरण की समस्याएं आदिवासी समाज में गहराई से जुड़ी हैं, और इनका समाधान संघ और समाज की संयुक्त कोशिशों से ही संभव है। उन्होंने आदिवासी विस्थापन, भूमि अधिग्रहण, और विकास में भागीदारी जैसे मुद्दों पर भी विचार साझा किए।
संघ की पहल: आदिवासी क्षेत्रों में सतत कार्य
डॉ. भागवत ने बताया कि संघ के स्वयंसेवकों ने वनवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन को लेकर निरंतर कार्य किया है। उन्होंने कहा, “आदिवासी हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं। उनकी समस्याओं को शासन तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है।”
प्रशिक्षण वर्ग में देशभर से सहभागिता
12 मई से शुरू हुए कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय में देश के विभिन्न क्षेत्रों से 840 शिक्षार्थी और 118 शिक्षक शामिल हुए। इनमें स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी, इंजीनियर, डॉक्टर, अधिवक्ता, शिक्षक, पत्रकार, किसान, कर्मचारी, स्वरोजगार करने वाले व लघु उद्योगपति शामिल थे।
अंतरराष्ट्रीय मेहमानों की उपस्थिति
समारोह में अमेरिका, यूरोप और नीति क्षेत्र के कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जिनमें पूर्व अमेरिकी सांसद बिल शुस्टर, सार्वजनिक नीति विशेषज्ञ बॉब शुस्टर, लेखक और नीति विशेषज्ञ वॉल्टर रसेल मेड, और AI व तकनीक विशेषज्ञ बिल ड्रेक्सेल शामिल थे।