पंचकूला, 13 फरवरी: जिला उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने निर्देश दिया कि जिले में बाल मजदूरी रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं। उन्होंने जिला स्तरीय गठित कमेटी को औचक निरीक्षण कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को प्रस्तुत करने का आदेश दिया। उपायुक्त बाल एवं बंधुआ मजदूरी को लेकर आयोजित जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग बाल मजदूरी पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करें और बाल मजदूरी में संलिप्त पाए जाने वाले बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलवाया जाए। विशेष रूप से ढाबों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और बाल मजदूर पाए जाने पर संबंधित ढाबा संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस संबंध में सूचना 1098 हेल्पलाइन नंबर पर देने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक के दौरान श्रम विभाग ने पहले मिले 6 बाल मजदूरों की स्थिति की जानकारी दी। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इनमें से तीन बच्चों को स्कूल में दाखिल कराया गया है, जबकि दो बच्चों को शिक्षा विभाग की उल्लास योजना में शामिल किया गया है। इन बच्चों को छह महीने तक संबंधित गांव के शिक्षक द्वारा पढ़ाया जाएगा, इसके बाद उन्हें स्कूल की मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, ओपन स्कूल के माध्यम से उन्हें प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जा सकता है।
उपायुक्त ने एसडीएम को निर्देश दिया कि गैर-सरकारी संगठनों द्वारा दी गई जानकारी पर तुरंत कार्रवाई की जाए ताकि जिले से बाल मजदूरी को पूरी तरह समाप्त किया जा सके।
इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव, एसडीएम पंचकूला चंद्रकांत कटारिया, एसडीएम कालका संयम गर्ग, जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक, एसीपी रमेश सहित गैर सरकारी सदस्य ईश्वर सिंह और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।